नोएडा– नोएडा शहर…इस शहर के ज्यादातर इलाकों में फ्लैट्स ही फ्लैट्स दिखाई देते है.लेकिन इस जगह पर कई प्लैट ऐसे भी हैं जिनकों लेकर कहा जा रहा है कि सालों से रजिस्ट्री नहीं हुई है.दरअसल,शहर में 20 हजार से अधिक फ्लैट ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री सालों से बिल्डर्स ने नहीं कराई है. इसकी वजह से निबंधन विभाग को स्टांप ड्यूटी के रूप में मिलने वाले 1311 करोड़ रुपये भी सरकारी खजाने में नहीं जमा हो पाए हैं.बिल्डर्स की मनमानी के चलते पूरे शहर में खरीदार भी अलग से परेशान हैं.यह पैसा अगर सरकारी खजाने में जमा होता तो शहर के विकास के लिए जरूरी परियोजनाओं पर भी खर्च किया जा सकता था.अब निबंधन विभाग ने इसके लिए संबंधित बिल्डरों को रजिस्ट्री कराने के लिए नोटिस भेजा है.
और सबसे अहम ये है कि नोएडा में बिल्डरों का प्राधिकरण पर बकाया होने के चलते परियोजनाओं को ऑक्यूपेसी सर्टिफिकेट (ओसी) और कंपलीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जारी न होने की वजह से काफी समय से कई फ्लैट मालिकों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है.यही नहीं, कई फ्लैटों की ओसी- सीसी जारी होने के बाद भी बिल्डरों की ओर से रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही है.
फ्लैट खरीदार की ओर से कई बार न्यायालयों का दरवाजा भी खटखटाया गया लेकिन फिर भी रजिस्ट्री नहीं हो सकी. ऐसे में विभाग ने 20214 फ्लैटों को चिन्हित किया है, जिनके मालिकों ने पजेशन तो ले लिया है लेकिन रजिस्ट्री नहीं करा पाए हैं. केवल नोएडा में ही ऐसे 20214 फ्लैट मालिक हैं. बता दें कि इनकी रजिस्ट्री न होने से विभाग अपने हर माह का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पा रहा है.
इसके अलावा साल 2015 से लेकर साल 2024 आ गया और नौ साल बाद भी किसी की रजिस्ट्री नहीं हुई. बता दें कि सोसाइटी में कुल 15 टावर में 1596 फ्लैट हैं करीब 7000 लोग रहते . 1596 फ्लैट में अब तक करीब 200 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है.अन्य किसी की रजिस्ट्री नहीं हुई है. हम लोग घर में रहने लगे, लेकिन हमारे घर का मालिकाना हक हमें अब तक नहीं मिल पाया है.
सोसाइटी में 2014 से लोगों ने रहना शुरू कर दिया था। यहां पर कुल 20 टावर में 1800 फ्लैट हैं. अब तक करीब 250 से 300 फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हुई है। 2014 से 2024 तक इन्हें अपने घर का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है, जबकि इन्होंने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी घर खरीदने में लगा दी.यहां के बिल्डर पर नोएडा प्राधिकरण का करीब 100 करोड़ रुपये बकाया है.