
Rail Revolution in Northeast: 2018 से 2025 के बीच, पूर्वोत्तर भारत में रेलवे कनेक्टिविटी ने ऐतिहासिक रूप से नई ऊँचाइयाँ छूईं। इन वर्षों में जो काम हुए हैं, उन्होंने न सिर्फ़ इस क्षेत्र के राजधानी शहरों को पहली बार रेलवे नेटवर्क से जोड़ा, बल्कि दूर-दराज़ और दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक इलेक्ट्रिफाइड रेलवे लाइनों को पहुंचा दिया। यह बदलाव सामाजिक-आर्थिक विकास, पर्यटन, और राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है।
आइए जानें इन 10 ऐतिहासिक रेलवे प्रोजेक्ट्स के बारे में….
1. आइज़ॉल जुड़ा भारत के रेलवे नेटवर्क से
26 वर्षों के इंतज़ार के बाद, मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल को बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज लाइन के ज़रिए जोड़ा गया। इस 51.38 किमी की लाइन में 48 सुरंगें और 55 बड़े ब्रिज शामिल हैं। यह मिज़ोरम में पर्यटन, व्यापार और रोज़गार की दिशा में नई राह खोल रहा है।
2. पूर्वोत्तर की राजधानी रेल लाइन हुई इलेक्ट्रिक
IRCON ने लुमडिंग-टिनसुकिया और डिब्रूगढ़-डुलियाजान सेक्शनों का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। पहली बार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक राजधानी एक्सप्रेस दिल्ली के लिए रवाना हुई—यह एक हरित और तेज़ भारत की दिशा में बड़ा कदम है।
3. मणिपुर में बना दुनिया का सबसे ऊँचा रेल पियर ब्रिज – नोनी ब्रिज
141 मीटर ऊँचे पियर्स वाला नोनी ब्रिज, जिरीबाम-इम्फाल प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यह ब्रिज 12 घंटे की यात्रा को घटाकर महज़ 2 घंटे में बदल देता है। यह भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के भविष्य के कनेक्शन को मजबूत करता है।
4. नागालैंड को मिला नया मालगाड़ी रूट – शोकुवी से मोलवोम
15.42 किमी की इस नई लाइन से नागालैंड को व्यापार और परिवहन में तेज़ी मिलेगी। यह राज्य का तीसरा बड़ा रेलवे स्टेशन बनेगा।
5. मेघालय में पहली बार पहुंची मालगाड़ी
नॉर्थ गारो हिल्स में पहली बार 21 वैगन की मालगाड़ी पहुंची। इससे मेघालय के दुर्गम क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएँ सस्ते और तेज़ी से पहुंचेंगी।
6. असम को मिला पहला वंदे भारत एक्सप्रेस
गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ने यात्रा समय घटाया और पर्यटन को नया आयाम दिया।
7. 100 साल बाद नागालैंड को मिला दूसरा रेलवे स्टेशन
डोनी पोलो एक्सप्रेस को शोकुवी स्टेशन तक बढ़ाया गया है। यह कोहिमा को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में अहम कदम है।
8. मणिपुर में आज़ादी के बाद पहली बार पहुंची मालगाड़ी
तमेंगलोंग जिले के रानी गैदिनलिउ स्टेशन तक पहली बार मालगाड़ी पहुंची। यह स्थानीय व्यापार और रोज़गार को नई गति देगा।
9. मणिपुर और त्रिपुरा के बीच पहली जन शताब्दी एक्सप्रेस
अगरतला से जिरीबाम के बीच शुरू हुई यह ट्रेन 12 घंटे की सड़क यात्रा को महज 6 घंटे में तय करती है।
10. असम का बोगीबील ब्रिज बना रणनीतिक और व्यावसायिक गेमचेंजर
4.94 किमी लंबा यह डबल-डेकर ब्रिज रेलवे और सड़क दोनों के लिए बना है। यह भारत-चीन सीमा के समीप रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।
इन प्रोजेक्ट्स ने पूर्वोत्तर भारत को न सिर्फ़ भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ा, बल्कि रोज़गार, व्यापार, पर्यटन और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी इसे मजबूत किया है। 2018 से 2025 के बीच यह क्षेत्र रेलवे क्रांति का साक्षी बना है।









