
लखनऊ: विधान सभा में बुरी तरीके से हार का मुँह देखने के बाद बसपा सुप्रीमों ने अपने प्रवक्ताओं भी टीवी चैनल के डिबेट में जाने से मना कर दिया. मायावती ने आज ट्वीट करते हुए लिखा कि “यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है. इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी. सलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, श्री फैजान खान व श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे”.मायावती का ये फरमान तब आय है जब विगत 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने बाद बसपा को बहुत ही बुरी शिकस्त मिली है.
1. यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
— Mayawati (@Mayawati) March 12, 2022
पूरे प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने केवल 1 सीट हासिल की है. बलिया जिले के रसड़ा विधान सभा सीट से बसपा प्रत्यासी उमाशंकर सिंह ने ये जीत हासिल कर बसपा की लाज बचने की कोशिश की है,यहाँ से वो तीसरी बार विधायक बने हैं.
हार के बाद कल मायावती सामने आयी और कहा था कि मुस्लिमो और दलितों को एक हो जाना चाहिए था अगर ऐसा हुआ होता तो बसपा इस तरीके से हारी नहीं होती, माया ने कहा था कि इस हार से काफी कुछ सिखने को मिला है और इससे बसपा सबक लेगी.
बता दें कि बसपा ने इस विधान सभा चुनाव में सिर्फ एक सीट हासिल की है, अगर बात 2017 के चुनाव परिणामो की बात करे तो तो बसपा ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. भाजपा की चली आंधी में बसपा ऐसी धड़ाम हुई है कि उठने में अभी बहुत समय लगने वाला है.