अब बनेगी PDA सरकार… ! SIR से कटे 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम, अखिलेश यादव ने आंकड़ों के साथ किया बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया के तहत अब तक 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने इस बात ...

उत्तर प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया के तहत अब तक 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने इस बात की पुष्टि करते हुए स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में अब किसी भी प्रकार का एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा और 31 तारीख को इसका फाइनल ड्राफ्ट जारी किया जाएगा।

लखनऊ और गाजियाबाद में सबसे ज्यादा नाम कटे

आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ और गाजियाबाद से सबसे ज्यादा नाम काटे गए हैं। इन दोनों जिलों से कुल कटे गए नामों का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा, बीते 14 दिनों में केवल 2 लाख नए नाम ही मतदाता सूची में जोड़े जा सके हैं, जो इस प्रक्रिया की सख्ती को दर्शाता है।

अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला

इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश बीजेपी में जो आपसी घमासान दिख रहा है, उसका असल कारण SIR प्रक्रिया में 2.89 करोड़ वोटरों के नाम कटने में छिपा है। इसमें से 85-90% नाम बीजेपी के अपने वोटर्स के हैं।”

अखिलेश यादव ने आगे बताया कि अगर 85% नामों को भी मान लिया जाए तो यह आंकड़ा लगभग 24.56 लाख वोटों का होगा, जो कि यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से हर एक सीट पर औसतन 61,000 वोट का नुकसान दर्शाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि “अब बीजेपी के लिए हर सीट पर 61,000 वोट कम होंगे, तो क्या वे सरकार बना पाएंगे?”

ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर तंज

अखिलेश यादव ने बीजेपी के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर भी तंज कसते हुए लिखा, “इस समय बीजेपी में आपसी लड़ाई और आरोप-प्रत्यारोप खुलेआम सामने आ रहे हैं। बीजेपी के विधायक अपनी स्थिति को सुधारने के लिए बैठकें कर रहे हैं, लेकिन चुनाव से पहले उनका मूल्यांकन सर्वे में फेल हो जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी का महाभ्रष्टाचार और असंतुष्टों का विद्रोह अब पार्टी की स्थिति को कमजोर कर रहा है। बीजेपी की यह ‘SIR प्रक्रिया’ ही पार्टी के लिए आत्मघाती साबित हो रही है। अब पीडीए सरकार आएगी और सबके हिस्से में तरक्की और खुशहाली लाएगी।”

सिर्फ वोटों की सख्त जांच ही नहीं, बल्कि बीजेपी की छवि भी होगी प्रभावित

SIR प्रक्रिया के तहत हुए बदलावों और मतदाता सूची में कटे नामों ने यूपी में बीजेपी की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी को अब इन नए बदलावों के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं की स्थिति पर भी ध्यान देना होगा।

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