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अब अमेरिका में भी चलेगा ‘Yogi Model’! नाम बदलने और भाषा नीति पर Trump का बड़ा फैसला...

इस निर्णय के बाद, Google Maps ने भी इस परिवर्तन को लागू किया है, जिससे अब इस जलक्षेत्र को 'गल्फ ऑफ अमेरिका' के रूप में दर्शाया जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जो भारत के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम बदलने की पहल से मेल खाते हैं।

दरअसल, Trump ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम बदलकर ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ किया जाएगा। यह आदेश उनके कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही जारी किया गया था। इस परिवर्तन का उद्देश्य राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करना और अमेरिकी गर्व को बढ़ावा देना है। इस निर्णय के बाद, Google Maps ने भी इस परिवर्तन को लागू किया है, जिससे अब इस जलक्षेत्र को ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ के रूप में दर्शाया जा रहा है।

अंग्रेज़ी को अमेरिका की आधिकारिक भाषा घोषित किया

इसके अलावा, Trump ने एक और कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें अंग्रेज़ी को संयुक्त राज्य अमेरिका की एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है। इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना, सरकारी कार्यों में एकरूपता सुनिश्चित करना और नागरिक सहभागिता को प्रोत्साहित करना है। हालांकि, इस आदेश के बावजूद, टेक्सास के हैरिस काउंटी जैसे बहुभाषी क्षेत्रों ने अपनी सेवाओं को कई भाषाओं में जारी रखने का निर्णय लिया है, ताकि सभी निवासियों को आवश्यक सेवाएं मिलती रहें।

भारत में योगी आदित्यनाथ के नाम बदलने की पहल

इन परिवर्तनों की तुलना भारत के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए नाम परिवर्तनों से की जा रही है, जिनमें शामिल हैं:

  • इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज
  • फैज़ाबाद का नाम बदलकर अयोध्या
  • मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

Trump के इन निर्णयों ने अमेरिका में राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दिया है। कुछ लोग इसे राष्ट्रीय गर्व और एकता के लिए आवश्यक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ कदम के रूप में देखते हैं। कुछ इसी तरह भारत में भी, योगी आदित्यनाथ के नाम परिवर्तन के फैसलों को मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली थीं, जहां कुछ ने इसे सांस्कृतिक पुनरुत्थान के रूप में सराहा, तो कुछ ने इसे ऐतिहासिक विरासत से छेड़छाड़ के रूप में आलोचना की थी।

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