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गाजीपुर लोकसभा सीट से नुसरत अंसारी और अफजाल अंसारी के चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर आज विराम लग गया है। बुधवार को यह स्पष्ट हो गया कि कौन कैसे चुनाव लड़ रहा है। नुसरत अंसारी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया था, जो अब निरस्त कर दिया गया है।
समाजवादी पार्टी से नुसरत अंसारी का पर्चा निरस्त होने के बाद अब उनके सपा से चुनाव लड़ने की खबरों पर विराम लग गया है। अब अफजाल अंसारी इंडिया गठबंधन के अधिकारिक प्रत्याशी होंगे और सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
इस मामले में जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी आर्यका अखौरी कहा कि सभी नामांकन पत्रों की जांच की है। 38 सेट्स में 25 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. 25 में से 14 के नामांकन पत्र समीक्षा के बाद अस्वीकृत कर दिए गए क्योंकि उनमें कमियां थीं. बाकी 11 के नामांकन पत्र स्वीकृत कर लिए गए हैं. उनकी सूची चस्पा कर दी गई है.
तब क्या होगा यदि अफजाल ने वापस लिया पर्चा ?
नुसरत और अफजाल के मामले में DM ने कहा कि व्यवस्था यह है कि अगर मुख्य उम्मीदवार का पर्चा स्वीकृत हुआ तो वैकल्पिक उम्मीदवार का नामांकन स्वतः खारिज हो जाता है. चूंकि अफजाल का पर्चा स्वीकृत हुआ ऐसे में नुसरत का पर्चा खारिज हो गया है. ऐसे में सपा के आधिकारिक उम्मीदवार अफजाल अंसारी है।
यह पूछे जाने पर कि अगर अफजाल ने पर्चा वापस लिया तो क्या होगा, इस पर डीएम आर्यका अखौरी ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो आगे जो निर्वाचन आयोग की नियमावली होगी उसका पालन करते हुए प्रक्रिया पूरी की जाएगी और आपको उससे अवगत कराया जाएगा.
20 मई को आएगा अफजाल का फैसला
गाजीपुर लोकसभा सीट पर 1 जून को मतदान होगा और 4 जून को परिणाम आएंगे. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट को अफजाल के एक मामले का निस्तारण 30 जून तक करना है जिसकी अगली सुनवाई 20 मई को है. अगर हाईकोर्ट उनकी सजा पर मुहर लगा देता है तब अफजाल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे में अब यह देखना होगा कि अफजाल का अगला कदम क्या होगा?