अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत में होगी यह बड़ी बैठक, विश्व के बड़े देशों के एनएसए होंगे शामिल

इससे पहले भी अफगानिस्तान की स्थिति पर दो बैठकें हो चुकी हैं। ये बैठकें सितंबर 2018 और दिसंबर 2019 में ईरान में हुई थी। तीसरी बैठक 2020 में भारत में तय थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उस समय यह बैठक नहीं हो सकी थी इसलिए अब 10 नवंबर को भारत इस बैठक के तीसरे संस्करण की मेजबानी करेगा।

10 नवंबर को अफगानिस्तान के मुद्दे पर होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA’s) के स्तर की बातचीत बैठक की मेजबानी भारत करेगा। ईरान, रूस समेत सभी पांच मध्य एशियाई देश, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान ने इस बात की पुष्टि की है कि वे NSA स्तर की बैठक में शामिल हो रहे हैं।

भारत ने तालिबान के प्रतिनिधियों को इस उच्च स्तरीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया है क्योंकि भारत सरकार अफगानिस्तान में विद्रोही समूह के नेतृत्व वाली सरकार को मान्यता नहीं देती है। अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद भारत के पड़ोसी देश की स्थिति पर बातचीत के लिए होने वाली यह बैठक इस तरह का पहला सम्मलेन माना जा रहा है।

ये सभी निमंत्रण पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा नई दिल्ली में आमंत्रित देशों के दूतावास के माध्यम से भेजे गए थे। भारत एक रात्रिभोज आयोजित करने की भी योजना बना रहा है जिसकी मेजबानी एनएसए अजीत डोभाल करेंगे। बैठक पूरे एक दिन चलेगी। अपने समकक्षों के साथ एनएसए डोभाल की द्विपक्षीय बैठकें भी निर्धारित हैं। इसके अलावा, आने वाले सभी एनएसए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।

इस बैठक में चीन और पाकिस्तान के एनएसए को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस निमंत्रण को सिरे से खारिज कर दिया जबकि चीन ने कहा कि वह “शेड्यूलिंग मुद्दों” के कारण भाग लेने में असमर्थ है, लेकिन द्विपक्षीय या बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से अफगानिस्तान पर संचार बनाए रखेगा।

भारत के निमंत्रण पर पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए, पाक एनएसए यूसुफ ने पहले कहा था, “मैं नहीं जाऊंगा। मैं माहौल बिगाड़ने वाला एक शांतिदूत बनने की कोशिश नहीं कर सकता।” युसूफ उज्बेकिस्तान के सुरक्षा परिषद के सचिव लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर मखमुदोव के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे, जो पाकिस्तान के साथ संयुक्त सुरक्षा आयोग की स्थापना के लिए इस्लामाबाद में मौजूद थे। उन्हें नई दिल्ली में एनएसए की बैठक में भी आमंत्रित किया गया है।

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