एक पैर से दिव्यांग, फिर भी ओलिंपिक मेडल और अब जॉइंट सेक्रेटरी! जानें सुहास एलवाई की नई उपलब्धि

Lucknow: यूपी के ओलिंपियन मेडलिस्ट और 2007 बैच के आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई को भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद के लिए नामित किया गया..

Lucknow: उत्तर प्रदेश (UP) के आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई को हाल ही में भारत सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर इंपैनल्ड किया गया है। यह उपलब्धि उनके लिए एक और मील का पत्थर साबित हुई है, क्योंकि वह केवल एक सक्षम प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक ओलिंपियन और राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन भी हैं। सुहास एलवाई का नाम देश के उन अधिकारियों में शामिल है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में ना केवल प्रशासनिक कार्यों में उत्कृष्टता हासिल की है, बल्कि खेल में भी अपना नाम रोशन किया है।

सुहास एलवाई ने रचा इतिहास

सुहास एलवाई का पूरा नाम सुहास लालिनकेरे यतिराज है और उनका जन्म 2 जुलाई 1983 को कर्नाटक के शिमोगा में हुआ था। बचपन से ही वह एक पैर से दिव्यांग रहे हैं, लेकिन उनकी इस शारीरिक चुनौती ने उन्हें कभी भी जीवन में सफलता की ओर बढ़ने से नहीं रोका। वह पहले भारतीय आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने एक पेशेवर अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से साबित किया कि किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है, अगर हिम्मत और संघर्ष की भावना प्रबल हो।

साल 2007 में आईएएस अधिकारी के तौर पर नियुक्ति पाने के बाद, सुहास एलवाई ने अपनी कड़ी मेहनत और सटीक प्रशासनिक कौशल के साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। खासकर, जब वह नोएडा के डीएम रहे, तो उनकी कार्यशैली और नेतृत्व की सराहना की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने अपनी अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भी कई गोल्ड मेडल्स जीतकर देश का नाम रोशन किया।

जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति

हाल ही में भारत सरकार ने 2007 बैच के 6 आईएएस अधिकारियों को जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया है, जिसमें सुहास एलवाई का नाम भी शामिल है। इसके साथ ही इस सूची में आईएएस अधिकारियों की एक और खास बात यह है कि इसमें अरविंद अग्रवाल, परवीन कुमार थिंद, दुष्मंता कुमार बेहरा, प्रभाकर और विनोद कुमार सुमन के नाम भी शामिल हैं।

भारत सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी का पद एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पद है। इसके अंतर्गत अधिकारी देश के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नीति निर्माण और प्रशासनिक कार्यों का संचालन करते हैं। यह पद उन अधिकारियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने राज्य कैडर में पर्याप्त अनुभव प्राप्त किया हो और केंद्र सरकार में अपनी सेवाएं देने के लिए योग्य समझे जाते हों।

कैसे होती हैं नियुक्ति?

जब एक आईएएस अधिकारी को केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति दी जाती है, तो इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया होती है। एक अधिकारी को पहले अपने राज्य कैडर में 9 साल काम करना होता है, इसके बाद वे केंद्र सरकार में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद, उन्हें राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना होता है, और केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद उनकी प्रतिनियुक्ति की जाती है। अधिकारी अधिकतम 5 वर्षों तक केंद्र सरकार में काम कर सकते हैं, हालांकि कुछ मामलों में यह अवधि 2 साल तक बढ़ाई जा सकती है।

अन्य नियुक्त अधिकारी

2007 बैच के अलावा, इस सूची में 2003, 2004 और 2005 बैच के आईएएस अधिकारियों का नाम भी शामिल किया गया है। इनमें अविनाश चंपावत (2003 बैच), कंगाले रीना बाबासाहेब (2003 बैच), अंबलगन पी (2004 बैच), अलरमेलमंगई डी (2004 बैच), साकेत कुमार (2005 बैच) और पीटी भूटिया (2015 बैच) शामिल हैं।

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