कोरोना टीकाकरण के लिए सिर्फ आधार कॉर्ड का होना अनिवार्य नहीं हैं। कोरोना टीकाकरण के लिए सिर्फ आधार को पहचान पत्र मानने को चुनौती देने वाली याचिका का जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने निपटारा किया। केंद्र सरकार की दलील को मानते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अनिवार्य नहीं है उसके अलावा भी 9 अन्य पहचान पत्र कोविन पोर्टल स्वीकार करता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि आधार न होने के चलते कोई टीका पाने से वंचित न हो।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब तक बिना आईडी कार्ड वाले 87 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि टीकाकारण के लिए आधार अनिवार्य नहीं है, 9 तरह के पहचान पत्र पोर्टल पर स्वीकार होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि कोरोना टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन के लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड समेत नौ पहचान पत्र में से किसी एक को भी दिया जा सकता है।
वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कई ऐसे मामले है जब आधार की जगह दूसरा पहचान पत्र देने पर उनका टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ हैं अगर कोर्ट आदेश दे देगा तो कोई भी टीकाकरण सेंटर आधार के बिना रजिस्ट्रेशन से इनकार नहीं कर पायेगा।
सुप्रीम कोर्ट में सिद्धार्थशंकर शर्मा ने याचिका दायर कर दावा किया था कि कोरोना टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन के लिए कोविन पोर्टल पर आधारकार्ड पर अनिवार्यता से ज़ोर दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर एक अक्टूबर 2021 को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।