ओपेक देशों नें कम किया तेल का उत्पादन तो अमेरिका ने जताया विरोध, कहा भविष्य में भुगतने पड़ सकते हैं इसके परिणाम

ओपेक देशों ने कोरोना के बाद सबसे बड़ी कटौती करते हुये तेल उत्पादन में प्रतिदिन 20 लाख बैरल की कमी करने की घोषणा की है। 13 राष्ट्रों के सहयोग वाले इस संगठन ने रूस के नेतृत्व वाले उसके 10 सहयोगियों के साथ यह कदम उठाकर अमेरिका को नाराज कर दिया है

Desk: ओपेक देशों ने तेल के उत्पादन में कमी करने की घोषणा की है। सउदी अरब के नेतृत्व में बने मध्य पूर्वी देशों के संगठन ओपेक ने प्रतिदिन तेल उत्पादन में 20 लाख बैरल की कमी करने का फैसला किया है। जिसके बाद अमेरिका ने संगठन के इस फैसले का विरोध करते हुये रूस के समर्थन का आरोप लगाया है। अमेरिका ने भविष्य में इसके परिणामों के प्रति चेतावनी भी दी है।

ओपेक देशों ने कोरोना के बाद सबसे बड़ी कटौती करते हुये तेल उत्पादन में प्रतिदिन 20 लाख बैरल की कमी करने की घोषणा की है। 13 राष्ट्रों के सहयोग वाले इस संगठन ने रूस के नेतृत्व वाले उसके 10 सहयोगियों के साथ यह कदम उठाकर अमेरिका को नाराज कर दिया है। व्हाइट हाउस ने ओपेक देशों द्वारा रूस का समर्थन करने के लिये अपनी नाराजगी जाहिर की है। उत्पादन कम होने का असर सीधे-सीधे तेल की कीमतों पर पड़ेगा। जोकी सीधे तौर पर रूस को आर्थिक मदद पहुंचायेगा।

व्हाइट हाउस की तरफ से उनके प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बयान दिया कि ओपेक देशों ने पिछले सप्ताह जो निर्णय लिए हैं, वे पूरी तरह से रूस के पक्ष में थे। ये फैसला अमेरिकी लोगों और दुनिया भर के परिवारों के हितों के खिलाफ था। हमारा मानना है कि यह निर्णय निम्न-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं को चोट पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा। इसी विषय पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह गुमराह करने वाला था और यह एक गलती और एक बेतुका निर्णय है।

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