
पाकिस्तान को एक असफल राज्य और वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र कहना कोई नई बात नहीं है। वर्षों से यह देश आतंकवादी संगठनों को पालता-पोसता रहा है, जो दुनिया भर में निर्दोष लोगों पर हमले करते हैं। यही वजह है कि इसे आतंकिस्तान के नाम से जाना जाता है।
भारत पर पाकिस्तान-समर्थित आतंकवाद का हमला कोई नई बात नहीं है। पिछले 17 वर्षों में 26/11 मुंबई हमला, उरी हमला (2016), पुलवामा हमला (2019), और हाल ही में 2025 में पहलगाम हमला पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा संचालित थे।
जीरो टॉलरेंस की नीति
26/11 के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू किया। उरी हमला के बाद surgical strikes और पुलवामा के बाद हवाई हमले पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए। इससे आतंकवाद पर एक ब्रेक लगा।
मुनिर की провокация और पहलगाम हमला
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनिर के कट्टरवादी बयान के बाद पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई। यह हमला पाकिस्तान की आतंकवादी नीति को दिखाता है।
ऑपरेशन सिंदूर का शुभारंभ
भारत ने इस बार ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जवाब दिया, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आतंक के प्रति नया नजरिया बताया—”न्यूनतम सहिष्णुता, सख्त प्रतिक्रिया।”
तीन प्रमुख सिद्धांत — नया सामान्य
- आतंक के लिए जीरो टॉलरेंस।
- परमाणु ब्लैकमेल को नकारा जाएगा।
- आतंकवादी और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले राज्य दोनों को सैन्य लक्ष्य माना जाएगा।
भारत का सशक्त संदेश
प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि आतंकवाद के समर्थकों को समझ लेना चाहिए कि भारत के खिलाफ कोई भी साजिश बर्बादी लाएगी।
पाकिस्तान: आतंक का गढ़
पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन खुलेआम चलते हैं, जिन्हें सरकार और सेना संरक्षण देती है। यह देश विश्व आतंकवाद सूचकांक में दूसरे स्थान पर है। इसके नेताओं और सैन्य अधिकारियों ने बार-बार आतंकवाद में लिप्तता स्वीकार की है।
आतंकवाद का निर्माण
1970 के दशक से इस्लामिक कट्टरपंथ, मदरसों की बढ़ोतरी, आईएसआई की भूमिका और अफगान युद्ध के बाद आतंकवाद का विस्तार हुआ। इन कारकों ने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बना दिया।
भारत-केंद्रित आतंकी संगठन
लश्कर-ए-तैयबा, जश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, और अन्य कई आतंकी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं, जो मुख्य रूप से भारत को निशाना बनाते हैं।
आगे क्या?
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। पाकिस्तान को आतंकवाद के ढांचे को खत्म करना होगा, नहीं तो भारत खुद इसे समाप्त करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि का जवाब कड़ा देगा।









