
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की तकनीकी श्रेष्ठता, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और रणनीतिक दूरदृष्टि का प्रतीक बन गया है। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर के अनुसार, भारत ने इस ऑपरेशन के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की असली ताकत दिखा दी।
चीन के हथियारों की पोल खुली, पाकिस्तान की रणनीति ध्वस्त
स्पेंसर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि भारत ने इस संघर्ष में पूरी तरह आत्मनिर्भर रहते हुए स्वदेशी हथियारों का प्रयोग किया, जबकि पाकिस्तान चीनी हथियारों पर निर्भर रहा—जिनकी कमज़ोरियां युद्ध के मैदान में साफ़ दिखाई दीं।
चीनी हथियारों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, जिससे वैश्विक रक्षा बाजारों में चीन की साख को बड़ा झटका लगा।
भारतीय हथियारों की ताकत:
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल: 290 से 500 किमी रेंज की यह मिसाइल लगभग अवरोधक-अक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर में इसने दुश्मन के कमांड सेंटर्स को तबाह किया।
- अकाश वायु रक्षा प्रणाली + अकाशतीर: AI आधारित यह सिस्टम ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल और लड़ाकू विमानों को एक साथ ट्रैक व नष्ट करने की क्षमता रखता है।
- रुद्रम-1 एंटी-रेडिएशन मिसाइल: यह मिसाइल दुश्मन के राडार सिस्टम को निष्क्रिय करने में इस्तेमाल हुई।
- नेत्रा AEW&C: स्वदेशी निगरानी विमान ने भारतीय जेट्स को दुश्मन के ठिकानों तक पहुँचाया और एयरस्पेस की निगरानी की।
- हरोप व स्कायस्ट्राइकर ड्रोन: ये ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ दुश्मन के चलते-फिरते ठिकानों पर सटीक हमला कर नष्ट कर देते हैं।
- D4S ड्रोन डिफेंस सिस्टम: रेडार, RF जैमर और EO/IR सेंसर से लैस यह स्वदेशी प्रणाली पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को पूरी तरह निष्क्रिय करने में सक्षम रही।
- राफेल, सुखोई-30 MKI और मिराज 2000: भारत के ये एयरक्राफ्ट हाई-प्रिसीजन हमलों के लिए ऑपरेशन में उतारे गए।
बाजार में भारत की जीत
इस ऑपरेशन के बाद भारतीय रक्षा कंपनियों के शेयरों में उछाल आया। ‘Paras Defence’ के शेयर मई में 49% तक बढ़ गए, जबकि ‘MTAR Technologies’ और ‘Data Patterns’ को भी निवेशकों का भरोसा मिला। दूसरी ओर, चीन की ‘AVIC’, ‘NORINCO’ और ‘CETC’ जैसी कंपनियों को भारी गिरावट झेलनी पड़ी।
‘Make in India’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सफलता
स्पेंसर ने कहा कि भारत की यह सफलता साल 2014 से शुरू हुए ‘मेक इन इंडिया’ और 2020 में लॉन्च हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की देन है। अब भारत रक्षा क्षेत्र में 65% स्वदेशी सामग्री का उपयोग करता है और 2030 तक इसे 90% तक ले जाने का लक्ष्य है।
ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि भारत अब केवल रक्षा खरीददार नहीं, बल्कि एक तकनीकी रूप से सक्षम सैन्य शक्ति है। यह ऑपरेशन न केवल पाकिस्तान के आतंक को जवाब था, बल्कि चीन के रक्षा बाजार पर भी करारा प्रहार था।









