
भारत द्वारा पाकिस्तान पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ देश की नई रणनीति को दर्शाया। 7 मई से शुरू हुए इस सैन्य अभियान में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में स्थित आतंकी संगठनों के ठिकानों को अत्याधुनिक हथियारों से निशाना बनाया।
पाकिस्तानी दस्तावेजों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय हमलों का केंद्र पेशावर, अटॉक, बहावलनगर, छोर, हैदराबाद (सिंध), गुजरात और झंग (पंजाब) जैसे इलाके रहे। ये हमले 8, 9 और 10 मई को ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल और सटीक ड्रोन तकनीक से किए गए।
भारत ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के मुख्य अड्डों पर हमला किया, जिसमें मुरिदके का Markaz Taiba, बहावलपुर का Markaz Subhan Allah, और सियालकोट का Mehmoona Joya Facility शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त मुजफ्फराबाद के शवाई नाला और बरनाला के Markaz Ahle Hadith जैसे आतंकी शिविर भी तबाह कर दिए गए।
पाकिस्तान की ओर से 8 से 10 मई तक भारतीय सैन्य अड्डों पर जवाबी हमलों का प्रयास किया गया, लेकिन भारतीय वायुसेना और सशस्त्र बलों ने इन प्रयासों को नाकाम कर दिया। भारत ने पाकिस्तान के कई कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, एयर डिफेंस सिस्टम, रेडार साइट्स और एयरबेस को भारी नुकसान पहुँचाया।
10 मई को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी तरह की सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा।
भारत ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले का जवाब थी, बल्कि आतंकवाद और परमाणु धमकी के खिलाफ भारत की नई नीति को भी दर्शाती है – एक ऐसा भारत जो अब चुप नहीं बैठेगा।








