हाल ही में दक्षिणी अफ्रीका में खोजा गया कोविड-19 का ओमीक्रॉन वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व के लिए चिंता का सबब बताया गया है। वैज्ञानिकों और चिकित्सा जगत के वैश्विक विषेशज्ञों द्वारा कोरोना के दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में इस वैरिएंट को अधिक प्राणघातक और चिंताजनक बताया गया है। हालांकि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के ऊपर इस वैरिएंट का क्या प्रभाव पड़ता है, इसके लिए अभी अध्ययन चल रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने इस वेरिएंट से खतरों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ओमीक्रॉन वैरिएंट के लगभग 30 से अधिक अलग स्वरूप हो सकते हैं। यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है। वैज्ञानिकों ने आगे बताया कि कोरोनवायरस के स्पाइक प्रोटीन में समय-समय पर परिवर्तन के परिणामस्वरूप इसके अलग रूप देखने को मिलेंगे। हो सकता है कि यह ज्यादातर लोगों को प्रभावित करे और इसकी संक्रमण दर भी बढ़ जाये।
WHO ने एक डेटा का आकलन करने के लिए शुक्रवार को विशेषज्ञों के एक समूह की बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद जारी किये गए बयान में WHO ने आधिकारिक रूप से कहा कि “प्रारंभिक साक्ष्य अन्य वैरिएंट की तुलना में इस वैरिएंट से पुन: संक्रमण के बढ़ते जोखिम का संकेत दे रहे हैं। WHO के एक स्वास्थ्य निकाय ने कहा, “दक्षिण अफ्रीका के लगभग सभी प्रांतों में इस प्रकार के मामलों की संख्या बढ़ रही है।”