
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के कड़े रुख के लिए एक बार फिर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट में कहा कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा, तब तक स्थायी शांति संभव नहीं है। उन्होंने सीजफायर का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पीछा करना जारी रखना चाहिए, चाहे सीजफायर हो या न हो।
जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी ज़मीन का इस्तेमाल करता रहेगा, तब तक स्थायी शांति संभव नहीं है। #सीज़फायर हो या न हो, हमें #पहलगाम हमले के लिए ज़िम्मेदार आतंकवादियों का पीछा नहीं छोड़ना चाहिए।
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 10, 2025
जब जब बाहरी आक्रमण हुआ है मैं सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा रहा… https://t.co/QJt3uMEWqJ
ओवैसी ने अपनी पोस्ट में भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की सराहना की और शहीद सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा हूँ, और यह समर्थन हमेशा रहेगा।” इसके अलावा, ओवैसी ने यह भी आशा जताई कि सीजफायर सीमा क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को राहत देगा।
वहीं, ओवैसी ने भारतीय राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे यह समझें कि भारत तब मजबूत होता है जब भारतीय एकजुट होते हैं, और हमारे दुश्मन इसका फायदा तब उठाते हैं जब हम आपस में लड़ते हैं।
उनके पोस्ट में कई अहम सवाल भी उठाए गए:
“क्यों प्रधानमंत्री ने सीजफायर की घोषणा नहीं की, बल्कि यह किसी विदेशी राष्ट्रपति ने की?”
“क्या हम किसी तीसरे स्थान पर बातचीत करने को क्यों तैयार हुए हैं? इन बातों का एजेंडा क्या होगा?”
“क्या पाकिस्तान को भविष्य में आतंकवादी हमलों से रोकने का उद्देश्य प्राप्त किया गया?”
“क्या पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान जारी रखा जाएगा?”
ओवैसी का यह बयान पाकिस्तान के खिलाफ भारत की नीति को लेकर उठाए गए महत्वपूर्ण सवालों का केंद्र बन गया है।








