
सहकारिता विभाग में हुआ बड़ा घोटाला, कार्रवाई का दायरा बढ़ा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बस्ती मंडल में हुए करोड़ों रुपये के धान खरीद घोटाले में अब उच्च स्तर पर जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (PCF) के अंतर्गत यह घोटाला हुआ, जिसमें जिला स्तर से लेकर पीसीएफ मुख्यालय तक के अधिकारी अब जांच की जद में हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह घोटाला 2023-24 के दौरान बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर जिलों में सामने आया। जांच के अनुसार, इन जिलों में धान खरीदी ही नहीं की गई, लेकिन कागज़ात पर पूरी प्रक्रिया दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान दर्शाया गया। इसके अलावा, किसानों के नाम पर फर्जी भुगतान, ढुलाई, मजदूरी और अन्य खर्चों में भी अनियमितता की गई।
अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
- सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से बर्खास्त किया गया है।
- इस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
- 10 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
- एसआईटी और EOW द्वारा की जा रही जांच में गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है, जिनमें 4200 किसानों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का गलत उपयोग कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया।
जांच में सामने आई गंभीर अनियमितताएँ
- 37 क्रय केंद्रों पर एक ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता दर्ज किया गया।
- पांच लेखपाल, कई कंप्यूटर ऑपरेटर, SDM और एडीएम स्तर के अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई।
- सीएमओ, लेखपाल, डेटा एंट्री ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
- एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर लेखपाल, एसडीएम और एडीएम तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
कार्रवाई का दायरा बढ़ता जा रहा है
इस मामले में जांच कर रही एसआईटी और EOW ने यह पाया कि यह घोटाला केवल धान की खरीद की अनियमितता नहीं, बल्कि एक संगठित गबन और सिस्टम की बड़ी चूक का उदाहरण है। अपर मुख्य सचिव (सहकारिता) ने कहा कि “कोई भी कार्रवाई किसी भी स्तर पर रुकने नहीं दी जाएगी।” PCF मुख्यालय के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है, जो आगामी दिनों में हो सकती है।
शासन ने दिए विस्तृत जांच के निर्देश
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) को मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। शासन स्तर पर निर्णय के बाद कार्रवाई का दायरा और बढ़ सकता है। आने वाले समय में पीसीएफ मुख्यालय तक के अधिकारी भी इस घोटाले की जांच के घेरे में आ सकते हैं।
यह घोटाला सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल उठाता है और आगामी दिनों में इसमें और भी बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है। सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिया है, जिससे सिस्टम में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।









