अंतरराष्ट्रीय मंच पर फिर फेल हुई पाकिस्तान की कोशिश, भारत ने कूटनीतिक रूप से संभाला मोर्चा

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने परिषद के लगभग सभी सदस्यों से (चीन और पाकिस्तान को छोड़कर) बात की और कहा कि पहलगाम हमले के दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बंद कमरे में बैठक हुई, लेकिन यह बिना किसी ठोस प्रस्ताव या आधिकारिक बयान के समाप्त हो गई। यह बैठक मुख्य कक्ष की बजाय परामर्श कक्ष में आयोजित की गई, जिससे इसका अनौपचारिक और गैर-बाध्यकारी स्वरूप स्पष्ट हुआ।

भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने पीटीआई से कहा, “पाकिस्तान की दबाव बनाने की कोशिश एक बार फिर विफल रही। परिषद की ओर से कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं आई। भारतीय कूटनीति ने पाकिस्तान की कोशिशों को फिर से नाकाम कर दिया है।”

UNSC के अध्यक्ष और ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि एवेंजेलोस सेकेरिस ने बैठक को “उपयोगी” बताया, लेकिन स्वीकार किया कि कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। वहीं, UN के सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खियारी ने कहा कि सभी सदस्य देशों ने तनाव कम करने की इच्छा जताई, लेकिन किसी ने भी भारत पर आरोप लगाने या पाकिस्तान के दावों का समर्थन नहीं किया।

पाकिस्तान, जो फिलहाल सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, ने मौजूदा हालात पर “बंद चर्चा” की मांग की थी। पाकिस्तानी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत पर सैन्य गतिविधियों और उकसावे का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।

UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए शांति और संयम की अपील की। उन्होंने कहा कि नागरिकों पर हमले किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य हैं और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

इससे पहले, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने परिषद के लगभग सभी सदस्यों से (चीन और पाकिस्तान को छोड़कर) बात की और कहा कि पहलगाम हमले के दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए।

Related Articles

Back to top button