
मंगलवार को राज्य सभा ने तेल और गैस अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए एक ऐतिहासिक विधेयक पारित किया।
तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 में पेट्रोलियम संचालन को खनन संचालन से अलग करने का प्रस्ताव है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक निवेश आने की उम्मीद है।
बिना किसी विरोध के पारित हुआ विधेयक
विधेयक पर चर्चा करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “हमें तेल और गैस क्षेत्र के लिए अगले 20 साल की जरूरत है। इस कानून को लाने से न केवल हमारे स्थानीय ऑपरेटरों को बल्कि विदेशी निवेशकों को भी भरोसा मिलेगा, ताकि वे यहां आकर कारोबार कर सकें और सबको फायदा हो।”
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में मंत्री ने इन संशोधनों को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि ये भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत और आगे बढ़ाएंगे।
सरकार के अनुसार, क्योंकि वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य और हाइड्रोकार्बन के संदर्भ में बदलाव आ चुका है, इसलिए वर्तमान स्थिति, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, व्यापार करने में आसानी, और भारत के ईएंडपी ढांचे को वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप बनाने के लिए इस अधिनियम में बदलाव की आवश्यकता थी।
पुरी ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, “चूंकि पेट्रोलियम (कच्चा तेल/प्राकृतिक गैस) भूमिगत चट्टानों के छिद्रों में पाया जाता है और ड्रिलिंग से निकाला जाता है, इसलिए ‘खदान’, ‘उत्खनन’ या ‘उत्खनन’ जैसे शब्दों को अलग करने से यह क्षेत्र अधिक स्पष्ट हो जाएगा और इसमें व्यापार करना आसान होगा, जो अब अधिक तकनीकी तरीके से संचालित होता है।”









