Axiom Space और Skyroot Aerospace की साझेदारी, भारत और अमेरिका के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में नया मोड़

Axiom Space और Skyroot Aerospace के बीच साझेदारी का ऐलान, जिससे भारत और अमेरिका के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में नई संभावनाओं का रास्ता खुलेगा। यह साझेदारी LEO और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों को परिभाषित करेगी।

ह्यूस्टन, अमेरिका। भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के Ax-4 मिशन के दिन, Axiom Space ने Skyroot Aerospace के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी का उद्देश्य लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) तक पहुंच बढ़ाना है, जिससे दोनों कंपनियों के बीच सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।

Axiom Space और Skyroot Aerospace के बीच हस्ताक्षरित मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) के तहत स्पेस लॉन्च और इन-ऑर्बिट समाधानों के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। इस समझौते पर Axiom के सीईओ तेजपाल भाटिया और Skyroot के सीईओ पवन कुमार चंदाना ने हस्ताक्षर किए।

Axiom Space और Skyroot के बीच साझेदारी का महत्व

तेजपाल भाटिया ने कहा, “यह साझेदारी हमारे साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। दो साल पहले Skyroot की सुविधा का दौरा करने के बाद से मुझे यकीन था कि हमारी कंपनियाँ साथ काम करेंगी। Axiom दुनिया का पहला कमर्शियल स्पेस स्टेशन बना रहा है, और Skyroot जैसे साझेदार इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

Skyroot Aerospace का विक्रम-1 और भविष्य के मिशन

Skyroot Aerospace अपने पहले ऑर्बिटल-क्लास लॉन्च वाहन, विक्रम-1, के लॉन्च के लिए तैयार है। यह कंपनी, जो 2022 में विक्रम-S नामक सबऑर्बिटल मिशन लॉन्च कर चुकी है, अब भारत की निजी अंतरिक्ष कंपनियों में एक प्रमुख नाम बन गई है। Skyroot ने ISRO के साथ साझेदारी करने वाली पहली कंपनी होने का गौरव भी हासिल किया है।

पवन कुमार चंदाना ने कहा, “हमारा मिशन अंतरिक्ष को सुलभ, सस्ती और विश्वसनीय बनाना है। Axiom Space के साथ यह साझेदारी हमें संयुक्त लॉन्च और इन-ऑर्बिट समाधानों का अन्वेषण करने का अवसर प्रदान करेगी, जो आने वाले समय में अंतरिक्ष अन्वेषण और वाणिज्यिकीकरण की दिशा तय करेगा।”

Axiom Space का महत्व

Axiom Space, जो ह्यूस्टन, अमेरिका में स्थित है, Axiom Station के निर्माण में जुटा है। यह स्टेशन दुनिया का पहला कमर्शियल स्पेस स्टेशन होगा। Axiom का हाल ही में लॉन्च किया गया Ax-4 मिशन, जिसमें भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल थे, एक महत्वपूर्ण कदम है।

भविष्य के मिशन और संभावित सहयोग

इस साझेदारी में अनुसंधान पेलोड्स, ऑर्बिटल डेटा सेंटर मॉड्यूल्स और भविष्य के Axiom Station मिशनों को लॉन्च करने के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएँ शामिल हैं। दोनों कंपनियों का कहना है कि वे भारत के अंतरिक्ष उद्योग की वृद्धि को सहयोग देने के लिए उत्साहित हैं और वैश्विक स्तर पर अवसरों को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

यह साझेदारी अमेरिका और भारत के निजी अंतरिक्ष खिलाड़ियों के बीच गहरे रिश्तों को भी दर्शाती है, क्योंकि यह क्षेत्र अब वाणिज्यिक और मल्टीपोलर भविष्य की ओर बढ़ रहा है।

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