
झारखंड के गिरिडीह सकल दिगंबर जैन समाज के लोगों की आज अहम बैठक हुई। बड़ा चौक स्थित जैन मंदिर में यह अहम बैठक हुई। बैठक में सकल दिगंबर जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन को पर्यटन स्थल बनाने के प्रस्ताव पर नाराजगी व्यक्त की गई। इसको लेकर धरने में अध्यक्ष रमेश शाह जैन, मंत्री लोकेश सेठी, अशोक जैन, धीरज जैन, महेश जैन, बंटी जैन, राकेश जैन, अजय जैन, अंकित जैन, अविनाश सेठी सहित कई पदाधिकारी व जैन समाज के सदस्य शामिल हुए।
उपस्थित पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने कहा कि गिरिडीह स्थित मधुबन का सम्मेद शिखर जैन समाज का श्रेष्ठ तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है. जहां देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी तीर्थयात्री साल भर आते हैं। सम्मेद शिखर पारसनाथ मधुबन में भगवान पार्श्वनाथ सहित 20 तीर्थंकरों की पूजा करते हैं। ऐसे में अगर राज्य सरकार इस विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करती है तो हर सरकार को इसका प्रकोप झेलना पड़ेगा।
हालांकि बैठक में खुशी इस बात की भी जताई गई कि बुधवार को जैन समाज के कई वरिष्ठ पदाधिकारी जैसे निर्मल जैन, गजेंद्र जैन समेत अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। जिस पर जैन समाज को आश्वासन दिया गया कि यथास्थिति बनाए रखने के लिए सम्मेद शिखर पर विचार किया जाएगा।
बैठक में जैन समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में निर्णय नहीं लेती है तो सकल दिगंबर जैन समाज शनिवार को गिरिडीह में पूरे शहर में मौन जुलूस निकालेगा। जिसमें गिरिडीह के अलावा मधुबन, इसरी व सरिया के जैन समाज के लोग भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि मौन जुलूस के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम समाज की ओर से डीसी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड के पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने डीसी गिरिडीह को निर्देश जारी किया है कि जैन तीर्थ और पारसनाथ सर्किट में मांसाहार, मटन और शराब पर प्रतिबंध लगाया जाए।









