यूपी सरकार के विज्ञापन रोकने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे सभी विज्ञापन बंद करने के निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए जनकल्याण के लिए धन खर्च करने की बजाय अपने लिए विज्ञापन करने मे धन का उपयोग कर रही है । वकील जय सुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है।

रिपोर्ट- अवैस उस्मानी

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे सभी विज्ञापन बंद करने के निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए जनकल्याण के लिए धन खर्च करने की बजाय अपने लिए विज्ञापन करने मे धन का उपयोग कर रही है । वकील जय सुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है।

याचिका में कहा यूपी सरकार अपनी असफलता और कमियों को छुपाने के लिए विज्ञापन पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही है। याचिका में कहा यूपी सरकार ने अपनी विफलताओं को छिपाने और लोगों को गुमराह करने के लिए विज्ञापनों और इवेंट प्रबंधन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। याचिका में योगी सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक कल्याण और विकास निधियों को विज्ञापन में मोड़ दिया ताकि उनकी नकली लोकप्रियता हो सके।

याचिका में कहा कि NCRB के डेटा के अनुसार लखनऊ महिलाओं के खिलाफ अपराध में 19 वें नंम्बर पर है। 2018 में महिलाओं के खिलाफ 2,736 अपराध हुए और 2018 में 144 लड़कियों पर कथित तौर पर बलात्कार किया गया। इसी तरह बच्चों के खिलाफ भी अपराध के मामले बढ़े हैं, 2018 में 19,936 अपराध हुए यानी प्रतिदिन 55 बच्चों के खिलाफ अपराध किए गए।

याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के उल्लंघन कर उत्तर प्रदेश सरकार विज्ञापनों पर खजाने के पैसे का दुरुपयोग कर रही है। सरकार ने राज्य से बाहर विज्ञापन जारी करने में करोड़े रुपये खर्च किए हैं। याचिका में कहा कि जनता की मेहनत की कमाई को सरकार विज्ञापन और इवेंट पर करोड़ो रुपये खर्च करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है जबकि राज्य की स्थिति बदहाल होती जा रही है।

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