
पेट्रोल पंप डीलरों के एक संगठन ने पेट्रोलियम विपणन कंपनियों द्वारा उनके कमीशन में बढ़ोतरी नहीं किए जाने के विरोध में मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की खरीद नहीं करने का फैसला किया है। पंप मालिकों ने पेट्रोल डीजल बेचने पर कमीशन बढ़ाये जाने की मांग कर रहे हैं जिसमें बीते 5 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (फामपेडा) के अध्यक्ष उदय लोध ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि काफी कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार और तेल कंपनियां हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहीं हैं। इसलिए 31 मई को देशभर में होने जा रहे खरीदारी बंद आंदोलन में राज्य के भी सभी 6500 पेट्रोल पंपों ने हिस्सा लेने का फैसला किया है। ‘पेट्रोलियम कंपनियों और डीलर संघों के बीच इस बारे में समझौता हुआ था कि डीलरों के मार्जिन में प्रत्येक छह माह में संशोधन किया जाएगा। लेकिन 2017 से इसमें संशोधन नहीं हुआ है। हालांकि, 2017 से ईंधन के दाम दोगुना हो गए हैं, लेकिन डीलरों के मार्जिन में बदलाव नहीं हुआ है।’’
बता दें कि पेट्रोल पंपों के टैंक में काफी भंडार रहता है, इसलिए पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा आने की आशंका नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल पंपों को अपनी रोजाना की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रतिदिन ईंधन लेने की जरूरत नहीं होती। उसके स्टोरेज टैंक में इतना भंडार होता है, जो कुछ दिन तक चल सकता है।’’ डीलर एसोसिएशन ने सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।