Pitru Paksha : आज से शुरु हो रहा है पितृ पक्ष, पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए करें ये काम

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बहुत बड़ा महत्व होता है. सनातन धर्म के अनुसार पितृ पक्ष का महीना पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होने वाले पितृ पक्ष में पितरों को श्राद्ध और पिंडदान करने से परिवार में सुख समृद्वि और शांति आती है.

Desk: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बहुत बड़ा महत्व होता है. सनातन धर्म के अनुसार पितृ पक्ष का महीना पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होने वाले पितृ पक्ष में पितरों को श्राद्ध और पिंडदान करने से परिवार में सुख समृद्वि और शांति आती है. परिवार की सभी बाधाएं दूर हो जाती है. आज से भाद्रपद पूर्णिमा दिन शनिवार से पितृ पक्ष का महीना शुरु हो रहा है, जो अश्विन माह के अमावस्या तक पंद्रह दिनों तक है.

माना जाता है कि श्राद्ध न केवल पितरों की मुक्ति के लिए किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए किया जाता है. पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है. पितृपक्ष में श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जल देने का विधान है. हालांकि पितृपक्ष के पूजा पाठ मे कई बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.
पितृपक्ष में पितरों की प्रसन्नता के लिए जो भी श्राद्ध कर्म करते हैं, उन्हें इस दौरान बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए. साथ ही इन दिनों में घर पर सात्विक भोजन बनाना चाहिए. तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. यदि पितरों की मृत्यु की तिथि याद है तो तिथि अनुसार पिंडदान करें सबसे उत्तम होता है.

पितृ पक्ष के दौरान न करें ये काम

मन्यता है कि पितृ पक्ष पितरों के लिए समर्पित होता है. ऐसे में इस दौरान घर में मीट मांस, लहसून, प्याज मसूर की दाल, बनाने से बचें. ऐसा कहा जाता है कि यदि इस बात का ध्यान न रखा जाए तो पितृ देव नाराज हो सकते हैं और पितृ दोष लगता है. इसके साथ ही इस दौरान जो लोग पितरों का तर्पण करते हैं उन्हें शरीर में साबुन और तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां

10 सितंबर पूर्णिमा का श्राद्ध
11 सितंबर प्रतिपदा का श्राद्ध
12 सितंबर द्वितीया का श्राद्ध
12 सितंबर तृतीया का श्राद्ध
13 सितंबर चतुर्थी का श्राद्ध
14 सितंबर पंचमी का श्राद्ध
15 सितंबर षष्ठी का श्राद्ध
16 सितंबर सप्तमी का श्राद्ध
18 सितंबर अष्टमी का श्राद्ध
19 सितंबर नवमी श्राद्ध
20 सितंबर दशमी का श्राद्ध
21 सितंबर एकादशी का श्राद्ध
22 सितंबर द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध
23 सितंबर त्रयोदशी का श्राद्ध
24 सितंबर चतुर्दशी का श्राद्ध
25 सितंबर अमावस्या का श्राद्ध.

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