Lucknow: मंडलायुक्त रोशन जैकब की अध्यक्षता में देव वन में चलाया गया पौधरोपण अभियान, राशि, नक्षत्रों के प्रतीक पौधों की लगाई गई बाग

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि गोमती नगर के विनीत खण्ड में अयप्पा मंदिर के पास ग्रीन बेल्ट की 8 एकड़ भूमि पर देव वन विकसित किया जा रहा है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से गोमती नगर में अयप्पा मंदिर के पास देव वन विकसित किया जा रहा है, जिसको लेकर बुधवार को मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में पौधरोपण अभियान चलाया गया। इस दौरान वन क्षेत्र में नक्षत्र, नवगृह, पंच पल्लव व पंचवटी वाटिका समेत विभिन्न प्रजाति के अलंकृत, सुगंधित व औषधीय पौधों की बाग लगायी गयी।

देव वन तैयार होने से सकारात्मक ऊर्जा का हो रहा प्रवाह

कार्यक्रम के दौरान मण्डलायुक्त ने एलडीए द्वारा देव वन में कराये गये विकास, सौंदर्यीकरण व हॉर्टीकल्चर के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले इस स्थान पर गंदगी व कूड़े का ढ़ेर रहता था। साथ ही यहाँ अराजक तत्वों का जमावड़ा लगता था, जिससे क्षेत्रवासियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती थी। लेकिन आज देव वन तैयार होने से इस स्थान पर सकारात्मक उर्जा का प्रवाह हो रहा है। उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण अभियान-2024 के अंतर्गत लखनऊ जनपद में 39 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं। वहीं, मण्डल स्तर पर 4 करोड़ पौधे लगाने का काम किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में मण्डलायुक्त ने देव वन तैयार करने वाले श्रमिकों व मालियों को उपहार देकर सम्मानित किया।

8 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा देव वन

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि गोमती नगर के विनीत खण्ड में अयप्पा मंदिर के पास ग्रीन बेल्ट की 8 एकड़ भूमि पर देव वन विकसित किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस पार्क में किये जा रहे समस्त प्रकार के विकास एवं सौंदर्यीकरण के कार्यों की डिजाइन व डाइमेंशन वास्तु शास्त्र के आधार पर तैयार किये गये हैं। बुधवार को पौधरोपण अभियान के तहत यहां 12 राशि नक्षत्रों के प्रतीक स्वरूप अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाकर नक्षत्र वाटिका तैयार की गयी। साथ ही बरगद, पीपल, सीता अशोक, आंवला व बेल के वृक्ष लगाकर पंच वाटिका को स्वरूप दिया गया। इसके अलावा पार्क में क्लस्टर बनाकर औषधीय पौधे भी लगाये गये हैं।

ऐसे तैयार की गयी है नक्षत्र वाटिका

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने नक्षत्र वाटिका के बारे में उदाहरण देते हुए बताया कि मेष राशि के तीन नक्षत्र अश्विनी, भरणी एवं कृतिका हैं। इसमें अश्विनी के लिए कुचीला, भरणी के लिए आंवला तथा कृतिका नक्षत्र के प्रतीक स्वरूप गूलर का पौधा लगाया गया है। इस तरह से नक्षत्र वाटिका में जामुन, खैर, शीशम, बांस, पीपल, नागकेश्वर, वट, पलाश, पाकड़, रीठा, बेल, अर्जुन, मैलश्री, चीड़, मदार, शमी, कदम, आम, नीम व महुआ आदि प्रजाति के पौधे रोपित किये गये हैं।

लाइब्रेरी व फूड कोर्ट भी बनेगा

उपाध्यक्ष ने बताया कि लोग आसानी से देव वन में भ्रमण कर सकें, इसके लिए पूरे क्षेत्र में तीन व पांच मीटर चैड़ाई में पाथ-वे बनाया गया है। साथ ही पार्क के उत्तरी क्षेत्र के ढ़ालान वाले हिस्से में वॉटर बॉडी (अमृत कुण्ड) का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा लाइब्रेरी, फूड कोर्ट, रेस्ट हॉल, किचन, स्टोर, टॉयलेट ब्लॉक व पार्किंग का निर्माण भी कराया जा रहा है।

इस मौके पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, सचिव विवेक श्रीवास्तव, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह व समाज सेवी के.के. जनार्दन नाम्बियार समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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