“साइकिल नहीं चला पाता था…पायलट बन गए…”, पीएम मोदी का बिल गेट्स से खास बातचीत

उन्होंने कहा, "मैं बच्चों तक श्रेष्ठ शिक्षा पहुंचाना चाहता हूं। शिक्षक की जो कमियां हैं उन्हें तकनीक से भरना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश में हुए बदलावों और सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “मैं जिन तकनीकी प्रगतियों को लेकर सबसे अधिक उत्साहित हूं, वे स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्रों में हैं। गांवों में लगभग 2 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए हैं। आधुनिक तकनीक को दोनों के बीच सेतु बनाकर इन स्वास्थ्य केंद्रों को सीधे सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों से जोड़ना चाहता हूं।”

लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना चाहता हूं-पीएम मोदी

उन्होंने कहा, “मैं बच्चों तक श्रेष्ठ शिक्षा पहुंचाना चाहता हूं। शिक्षक की जो कमियां हैं उन्हें तकनीक से भरना चाहता हूं। दूसरा बच्चों की रूचि दृश्यों में और कहानी सुनाने में है, मैं उस तरह की सामग्री बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कृषि क्षेत्र में भी मैं बहुत बड़ी क्रांति ला रहा हूं। लोगों की मानसिकता बदलना चाहता हूं।”

एकाधिकार को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण

प्रधानमंत्री ने कहा, “इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, दुनिया भर के प्रतिनिधियों ने हमारे द्वारा शुरू की गई डिजिटल क्रांति के बारे में अपनी जिज्ञासा व्यक्त की। मैंने उन्हें अपना मूलभूत दृष्टिकोण समझाया…हमने एकाधिकार को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण किया है। यह जनता द्वारा और जनता के लिए है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि समुदाय के भीतर से उभरती प्रतिभाएं लगातार योगदान दे सकें और लोगों के बीच प्रौद्योगिकी में विश्वास को बढ़ावा देने के लिए इसके मूल्य को बढ़ा सकें।”

साइकिल नहीं चला पाती थी, पायलट बन गए-

पीएम मोदी ने कहा गांव की महिलाओं को लिए मैने नमो ड्रोन दीदी योजना चलाई है। जिसके दो प्रमुख उद्देश्य है-

1). देश में 3 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाना यानी देश की 3 करोड़ महिलाओं को रुपये कमाने के लिए तैयार करना। 1 लाख सालाना, वह भी वंचित परिवारों से।

2). मैं कृषि को आधुनिक बनाना चाहता हूं और उसमें महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करना चाहता हूं।

अब आज ड्रोन दीदियां कहती हैं – ‘हमें साइकिल चलाना नहीं आता था, लेकिन आज हम पायलट बन गए हैं, ड्रोन चला रहे हैं!’

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