गल्ला उर्फ नइम वो नाम है जो सोतीगंज का किंग कहा जाता था। सोतीगंज में गल्ला के बिना पत्ता तक नहीं हिलता था। उत्तर प्रदेश ही नहीं राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली तक से वाहन चोरी होकर सीधे गल्ला के गोदाम पर आते थे। गल्ला किसी गोदाम में वाहनों की कटाई का गोरख धंधा चला करता था। और फिर पिछले 30 सालों में चोरी के वाहनों के पार्ट्स बेचकर कला अरबपति बन गया ।
लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के आला पुलिस ऑफिसर ने सोतीगंज के इस 30 साल पुराने तिलिस्म को तोड़ दिया। शुरुआत सबसे पहले गल्ला से की गई। गल्ला पर अब तक 35 मुकदमे दर्ज हैं। इसके खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई भी की गई। अकेले गल्ला की अगर बात करें तो पुलिस ने इसके तीन मकान और एक गोदाम सील कर दिया है। यानी अब तक 30 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी अकेले गल्ला की सीज की जा चुकी है।
इसके अलावा गला के कारोबारियों पर भी पुलिस ने शिकंजा कस दिया। अब तक करीब 55 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सोतीगंज के वाहन माफियाओं की सीज की जा चुकी है। करीब 70 से ज्यादा वाहन चोर और माफिया सलाखों के पीछे पहुंचाई जा चुकी हैं आलम यह है कि पुलिस कार्रवाई के डर से सोती गंज बाजार की तस्वीर बदल गई। अब सोतीगंज में वाहन पास नहीं है बल्कि छोले भटूरे कपड़े और जूते बेचे जाते हैं।
मेरठ के कैंटोंमेंट इलाके में गल्ला का यह गोदाम है जिसे पुलिस आज जब्त करने पहुंची थी । पुलिस और क्यूआरटी की टीम ने ताला तोड़कर गला का गोदाम खुला जहां गाड़ियों का जखीरा बरामद हुआ। और फिर पुलिस ने गोदाम पर नोटिस चिपका कर अपना ताला जड़ दिया। रक्षा संपदा अधिकारी ने भी सेना की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले पर गल्ला और उसके बेटों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई थी। जिसे पुलिस ने अब अवमुक्त करा लिया है।