पुलिस का फरमान “मुस्लिम अपनी दुकान पर लगाए अपना नाम…”, जाने इस आदेश पर क्यों मचा है बवाल

अभी हाल ही में मुजफ्फरनगर के विधायक और यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस मामले पर एक जिला स्तरीय बैठक बुलाई थी।

हिंदुओं का पवित्र महीना सावन इस महीने के 22 तारीख से शुरू होने जा रहा है। इस महीने में हिंदू श्रद्धालु कांवड़ यात्रा करके भगवान भोले नाथ के दरबार में जल अर्पित करते हैं। ऐसे में भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसके लिए योगी सरकार, पुलिस और प्रशासन के तरफ से हर तरह का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा का एक प्रमुख मार्ग मुजफ्फरनगर के लोगों के लिए जिला प्रशासन ने कुछ ऐसा दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

दरअसल, कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ढाबों, होटलों व ठेलों पर प्रोपराइटर और संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिए हैं। जिसके तहत पुलिस ने हाईवे व नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया है। अब जहां एक तरफ प्रशासन के इस आदेश को लेकर वहां के स्थानीय निवासी समर्थन में हैं। तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में बैठी पार्टियां इसको लेकर सरकार और पुलिस पर हमलावर हो गए हैं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने उनके इस कदम पर सवाल उठाते हुए मुजफ्फरनगर प्रशासन को आड़े हाथ लिया है। चलिए एक नजर उसपर भी डालते हैं….

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने क्या कहा…?

मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान के मामले पर अब राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमला बोला है। अखिलेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “सभी दुकानदारों को अपना नाम लिखने का निर्देश दिया गया है और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? उन्होंने कहा कि कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने भी उठाया सवाल

वहीं, हैदराबाद से लोकसभा सांसद और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ने भी इस मामले पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा है, “उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई काँवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘Judenboycott’ था।”

हमारा उद्देश्य कांवड़ यात्रियों के बीच भ्रम और कानून-व्यवस्था की समस्याओं को रोकना – मुजफ्फरनगर प्रशासन

वहीं, इस पूरे मामले पर प्रशासन का कहना है कि उनके द्वारा उठाए गए इस कदम का एकमात्र उद्देश्य कांवड़ यात्रियों के बीच भ्रम और कानून-व्यवस्था की संभावित समस्याओं को रोकना है।  

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने उठाया था मुद्दा

अभी हाल ही में मुजफ्फरनगर के विधायक और यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस मामले पर एक जिला स्तरीय बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि मुसलमानों को किसी भी विवाद से बचने के लिए हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर अपनी दुकानों का नाम नहीं रखना चाहिए। जिसके बाद जिला प्रशासन ने मंत्री की चिंता पर ध्यान दिया और इस संबंध में निर्देश ये निर्देश जारी किया है। 

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