चुनाव तारीखों में बदलाव के बाद सियासी बयानबाजी शुरू, सीएम सैनी ने किया स्वागत, कांग्रेस ने कहा- “चुनाव में धांधली के लिए बढ़ाई गई तारीख”

हरियाणा विधानसभा चुनाव और मतगणना की तारीखों में बदलाव को लेकर कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया ने बीजेपी पर निशाना साधा है।

शनिवार को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा में चुनाव की तारीख के बदलाव करते हुए 5 अक्टूबर करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव में मतगणना की तारीख को 4 अक्टूबर से बदलकर 8 अक्टूबर कर दिया है। इस बदलाव के बाद सियासी पार्टियों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है। जहां हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से तारीखों में की गई तब्दीली को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा गया है।

सीएम सैनी ने फैसले का किया स्वागत

चुनाव आोग के फैसले के बाद हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी का बयान आया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने पत्र लिखकर बताया कि लगातार छुट्टियां हैं। प्रदेश में वोटिंग फीसद में कमी न हो इसकी चिंता जाहिर की थी। इसको लेकर अन्य दलों के साथ ही बिश्नोई समाज के लोगों ने भी चिंता जाहिर की थी। ऐसे में चुनाव आयोग के द्वारा तारीख बदलने के फैसले उनका धन्यवाद करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि ज्यादा मतदान फीसद से राज्य और देश दोनों को फायदा मिलेगा। यह निर्णय आम जनभावनाओं को समझते हुए लिया गया है। इसके लिए फैसले का स्वागत करता हूं।

चुनाव में धांधली के लिए बढ़ाई गई तारीख

हरियाणा विधानसभा चुनाव और मतगणना की तारीखों में बदलाव को लेकर कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि इस पूरे एपिसोड में बीजेपी सरकार, मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की अपरिपक्वता झलक रही है। उन्होंने कहा कि आखिर में नामांकन की तारीख वहीं की वहीं है। ऐसे में बीजेपी ने पूरे राज्य की जनता को एक अनिश्चित टाइम टेबल में खड़ा कर दिया है। इसके अलावा बाबरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी हर चुनाव में धांधली करती है। शायद यही करने के लिए बीजेपी के पास वक्त नहीं होगा। इसलिए चुनाव की तारीख बढ गई है।

तब्दीली बीजेपी की घबराहट की निशानी

वहीं कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने चुनाव और मतगाणना की तारीखों में बदलाव को लेकर कहा कि बीजेपी पहले से ही कोशिश कर रही थी। बीजेपी घबराई हुई है और यह फैसला बीजेपी की घबराहट की ही निशानी है।

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