सियासी बयानबाजी: पटना में होने वाली बैठक पर कुछ ने किया किनारा, तो केजरीवाल ने रखी शर्त, माया बोलीं- मुंह में राम बगल में छूरी

मायावती काफी भड़क गई है.मायावती ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है. मायावती ने कहा कि दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए.

डिजिटल डेस्क- आगामी 2024 के चुनाव को लेकर सत्तापक्ष बीजेपी और विपक्षी दल अपना-अपना पैतरा अभी से आजमा रहे है. कोई कुछ दांव चल रहा है.तो कोई कुछ…सभी दल आम जनता को लुभाने के लिए नई-नई पॉलिसी ला रहे है. MY,PDA जैसे समीकरणों को इस्तेमाल में लाया जा रहा है,ताकि जनता आटा-दाल के भाव पर ध्यान न देकर इन लोगों की पकाई हुई खिचड़ी को खाए.खैर अभी 24 के चुनाव में थोड़ा सा ही वक्त रह गया है.

दूसरी तरफ कल पटना में विपक्षी पार्टियों की बड़ी बैठक है.इस बैठक की वजह से दिल्ली से लेकर पटना तक राजनीतिक हलचल काफी तेज है.पटना में होने वाली बैठक को लेकर सुगबुगाहट तो है ही साथ ही सियासी बयानबाजी भी खूब चल रही है.

पटना में विपक्षी एकजुटता को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती काफी भड़क गई है.मायावती ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है. मायावती ने कहा कि दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए.
महंगाई,गरीबी,बेरोजगारी के बजाए विपक्ष ध्यान भटका रहा है. विपक्ष जनता में विश्वास नहीं जता पाया है.इसलिए मुंह में राम बगल में छूरी है. बैठक को लेकर भी नाराज मायावती ने एक के बाद एक 4 ट्वीट किए.विपक्ष की पटना बैठक में मायावती को नहीं बुलाया गया है.

वहीं इस राह पर RLD चीफ जयंत चौधरी भी दिखाई दे रहे है.जो विपक्षी दल के नेताओं की बैठक में नहीं शामिल होंगे.जयंत चौधरी ने बिहार CM नीतीश कुमार को पत्र लिखा. पत्र में पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रमों का जयंत ने जिक्र किया.अब कल की बैठक से जयंत ने दूरी तो बना ली.लेकिन जयंत चौधरी ने कहा कि विपक्षी दलों का एकजुट होना समय की मांग है.हम साथ मिलकर सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं.अच्छे उद्देश्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं.

अब जयंत चौधरी के बैठक में ना जाने को लेकर अखिलेश के साथ चल रही खटपट की चर्चा को और ज्यादा ही हवा मिल गई है. दरअसल,यूपी में निकाय चुनाव के दौरान अखिलेश और जयंत के बीच कुछ दूरियां दिखाई दी थी. जहां निकाय में RLD ने अच्छा प्रदर्शन किया.तो सपा ज्यादा कुछ कमाल नहीं दिखा पाई थी.

वहीं बात करते हैं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की.जिन्होंने पटना वाली बैठक से पहले ही अल्टीमेटम दे दिया है. जहां जयंत चौधरी ने किनारा किया, तो केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस को साथ देने के लिए कहा है. आप पार्टी की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस ने अगर उनको समर्थन नहीं दिया तो वो विपक्षी दलों की बैठक का बहिष्कार कर देंगे. माना जा रहा है कि केजरीवाल बैठक में अध्यादेश के मुद्दे पर सभी नेताओं से चर्चा भी करते.

केजरीवाल के वॉकआउट करने वाली बात पर कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया दी गई है इस मामले पर दिल्ली में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है ‘केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा’..आप वहां जाए या न जाए.हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि विपक्ष की बैठक में न शामिल होने के लिए आप तो बहाने ढूंढ रहे थे. आपको बता दूं कि ये देश की चिंता करने वालों की बैठक है…सौदाबाजों की बैठक नहीं है.

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