
उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है मगर हल होता नहीं दिख रहा है। एक तरफ प्रदेश के शिक्षक हैं जो इस बात पर अड़ गए हैं कि वह सभी अपनी मांगे नहीं माने जाने तक ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाएंगे। ऐसे में इस मामले को लेकर शिक्षक सरकार से बेहद नाराज है। और लगातारऑनलाइन हाजिरी के आदेश को अव्यावहारिक बताते हुए इस आदेश को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ योगी सरकार है जो अपने आदेशों को वापस लेने को तैयार नहीं है। इस बीच इस मामले ने सियासी जगत में भी चर्चा बटोरनी शुरू कर दी है। बसपा प्रमुख मायावती ने इस पूरे मामले पर शिक्षकों के प्रदर्शन को सहीं ठहराते हुए योगी सरकार पर हमला बोल दिया है।
दरअसल, उन्होंने ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहाँ बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित?’
बीएसपी चीफ ने आगे लिखा, ‘शिक्षकों की डिजिटल हाज़िरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है। इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।’
खैर अब इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी का क्या कहना है चलिए जरा वो भी जान लेते हैं…
इस पूरा मामले के गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने डिजिटल अटेंडेंस पर अफसरों को शिक्षकों से संवाद कर मामले का समाधान निकालने का निर्देश दिया है।









