प्रधानमंत्री सूर्या घर: मुफ्त बिजली योजना, 10 लाख घरों में सौर ऊर्जा से बिजली

सौर पैनल लगाने के लक्ष्य को 100% पूरा किया है। वहीं, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने सौर पैनल लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

10 लाख घरों में सौर ऊर्जा से बिजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 फरवरी 2024 को लॉन्च की गई प्रधानमंत्री सूर्या घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) ने 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से बिजली प्रदान करने का ऐतिहासिक मील का पत्थर पार किया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के तहत 47.3 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं और 6.13 लाख लाभार्थियों को 4,770 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है। योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा को भारतीय households तक सुलभ बनाना है।

आसान वित्तीय विकल्प:
इस योजना में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से बिना गारंटी के ऋण की सुविधा उपलब्ध है। ₹2 लाख तक का ऋण 6.75% की सब्सिडी दर पर दिया जा रहा है। अब तक 3.10 लाख ऋण आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 1.58 लाख स्वीकृत और 1.28 लाख राशि वितरित की जा चुकी है।

राज्यों में महत्वपूर्ण प्रगति:
चंडीगढ़ और दमन और दीव ने सरकारी भवनों के लिए अपनी छतों पर सौर पैनल लगाने के लक्ष्य को 100% पूरा किया है। वहीं, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने सौर पैनल लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

गुजरात में सबसे ज्यादा लाभार्थी:
गुजरात ने 3,51,273 घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा है, जो कि कुल स्थापित घरों का 41.47% है। इसके बाद केरल (7.73%) और उत्तर प्रदेश (8.69%) का स्थान है।

मुख्य लाभ:

  • मुफ्त बिजली और सस्ती सौर पैनल की सुविधा
  • प्रति वर्ष ₹75,000 करोड़ की बचत
  • प्रत्येक सौर प्रणाली के द्वारा 100 पेड़ लगाने जितना CO2 उत्सर्जन कम करना
  • भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में बढ़ावा देना

सब्सिडी विवरण:

  • 0-150 यूनिट की मासिक खपत वाले घरों के लिए 1-2 किलावाट के सौर प्लांट पर ₹30,000 से ₹60,000 तक की सब्सिडी
  • 150-300 यूनिट की खपत वाले घरों के लिए 2-3 किलावाट के प्लांट पर ₹60,000 से ₹78,000 तक की सब्सिडी
  • 300 यूनिट से ऊपर खपत वाले घरों के लिए 3 किलावाट से ऊपर के प्लांट पर ₹78,000 तक की सब्सिडी

भविष्य के लक्ष्य और प्रभाव:
इस योजना के तहत 2027 तक 30 GW सौर क्षमता का जोड़ने की योजना है। इसके साथ ही 720 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी और 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

मॉडल सोलर गांव:
इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक “मॉडल सोलर गांव” विकसित किया जाएगा, जिसमें 1 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जाएगा। यह पहल सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

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