
मुंबई; महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एनसीपी के दो फाड़ हो चुके हैं. एनसीपी के वो नेता जो कभी शरद पवार के सिपहसालार हुआ करते थे अब वह उनके भतीजे अजित पवार के साथ हैं. राजनीति में कितनी अस्थिरताएं होती हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है. प्रफुल्ल पटेल जो कभी शरद पवार के सबसे करीबी नेता माने जाते थे. अब वह शरद पवार के फैसले पर ही सवाल उठा रहे हैं.
शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल को अपनी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी. यूपीए सरकार के दौरान प्रफुल्ल पटेल एनसीपी कोटे से केंद्रीय मंत्री भी रहे. इतना ही नहीं 23 जून को पटना में हुई विपक्ष की बैठक में जब शरद पवार शामिल हुए तब उनके साथ प्रफुल्ल पटेल भी थे.
जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो फिर बीजेपी के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के साथ चले गए और अब वे संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं। मैं शरद पवार… pic.twitter.com/3HcJA4KRVl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 5, 2023
लेकिन, अब वहीं प्रफुल्ल पटेल पटना बैठक की खिल्ली उठा रहे हैं. अजित पवार के अह्नान पर मुंबई में आयोजित एनसीपी के विधायकों, एमएलसी, सांसदों व राज्य प्रमुखों की बैठक को संबोधित करने के दौरान प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार के निर्णय पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो फिर बीजेपी के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के साथ चले गए और अब वे संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था और वहां का दृश्य देखकर मुझे हंसने का मन हुआ. वहां 17 विपक्षी दल थे, 7 में से लोकसभा में केवल 1 सांसद है और एक पार्टी ऐसी है जिसके पास 0 सांसद हैं. उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे… हमने एनडीए में शामिल होने का फैसला देश और अपनी पार्टी के लिए लिया है. पटेल ने कहा कि इस निर्णय में हमारा कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं है.