भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अयोध्या दौरे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने उनके हनुमानगढ़ी व रामलला के दर्शन पूजन को लेकर कहा है कि दर्शन पूजन और आस्था व्यक्त करने का हर धर्म के धर्मावलंबी को अधिकार है। ऐसा करने का अधिकार भारत का संविधान भी देता है।
उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश की जनता सब समझ रही है और देश भी देख रहा है जब चुनाव देश के सामने हैं और भारतीय जनता पार्टी की स्थिति यह नहीं रह गई है कि 5 साल में उन्होंने जो काम किया है उसके नाम पर वोट मांग सके। तब प्रधानमंत्री से डुबकी भी लगवा दे रहे हैं। उससे काम नहीं चल रहा है तो पुष्प वर्षा भी करवा दे रहे हैं। फिर भी यूपी में 100 सीटों से ऊपर बीजेपी का आंकड़ा नहीं जा रहा है, तो सारे बीजेपी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री यूपी में बुलाए गए हैं।
उन्होंने कहा है कि अब बीजेपी यह नहीं कह रही है कि हमने इतनी सड़के बनवाई हैं, इतनी बिजली दी है, जनता का भला किया है। अब चर्चा केवल धार्मिक एजेंडे पर हो रही है। बीजेपी अपनी डूबती हुई नाव को संभालने के लिए पूरी तरह वोटों का ध्रुवीकरण कराने की राजनीति के रास्ते पर चल निकली है। जो कि बीजेपी की हताशा और निराशा की प्रतीक है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गंगा की सहायक नदियों के साफ न होने की वजह से वाराणसी में सीएम योगी द्वारा डुबकी न लगाए जाने के बयान पर सीधे तौर पर प्रमोद तिवारी ने कोई बयान देने से इनकार किया है। लेकिन उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी को यह चाहिए था कि जिस प्रदेश में आए थे उस प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी अपने साथ गंगा में डुबकी लगाते तो बुरा नहीं होता। उन्होंने कहा है कि लेकिन फोटो सेशन कैसे बनता और फोटो में सिर्फ मोदी जी कैसे रहते। क्योंकि मोदी जी इस मामले में कैमरा अगर उन्हें दिख जाए तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकते की फोटो में कोई और भी आए।