
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के ढ़ाका में अपने बयान से राजनीति में हलचल मचा दी। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के डर से लालू यादव की लालटेन का किरासन तेल नहीं बनना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में एनडीए और महागठबंधन दोनों ही पक्षों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, बीस साल से बिहार में एनडीए की सरकार है, और हर साल लाखों युवकों को पलायन करना पड़ता है। मोदी जी मुफ्त में डेटा मत दे, बिहार के बेटों को काम चाहिए। गुजरात में मजदूरी करने वालों को वापस लाओ, हमें ट्रेन और डेटा नहीं, फैक्ट्री और काम चाहिए।
मुस्लिम वोटरों के लिए संदेश
प्रशांत किशोर ने कहा, मोदी जी के डर से मुसलमान भाई लालू यादव को वोट दे देते हैं, लेकिन अब उन्हें लालू यादव की लालटेन के किरासन तेल का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को अपने हक के लिए खुद लड़ना होगा, कोई भी दल यह काम उनके लिए नहीं करेगा। किशोर ने आगे कहा, तीस-पैतिस साल से वोटर बंधुआ बन गए हैं। लालू यादव के डर से वोट मोदी और नीतीश को, और मोदी के डर से लालू यादव को वोट दे देते हैं। अब समय आ गया है कि मुस्लिम समाज खुद अपने हक के लिए खड़ा हो।
बिहार के बेरोजगार युवाओं की स्थिति पर चिंता
त्योहार के मौसम में बिहार के मजदूरों की स्थिति पर भी प्रशांत किशोर ने चिंता जताई। उन्होंने कहा, आज बिहार के बेटे और बेटियाँ बस और ट्रेन में धक्का खाकर आ रहे हैं रहे हैं। मोदी जी ने 12 हजार ट्रेन चलाने का वादा किया था, लेकिन ये ट्रेनें कहां हैं? बिहार के लोग स्टेशन पर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं।
बिहार में जन सुराज का विकल्प
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अब मुसलमानों के पास लालू यादव और मोदी के विकल्प से बाहर जन सुराज का एक तीसरा विकल्प मौजूद है। उनका कहना है कि बिहार के लोग अब उन नेताओं से मुक्ति चाहते हैं, जिन्होंने उन्हें चुनावी बंधुआ बना दिया है।









