Prayagraj: श्रद्धालुओं की संख्या के साथ बढ़ी अर्थव्यवस्था, महाकुंभ ने तोड़ा रिकॉर्ड

बैंकों में नकदी बनाए रखने के लिए कई उपायों की घोषणा की है, जिससे बैंकों को करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी प्राप्त होगी और लोन देने में आसानी होगी।

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक सफलता बनकर उभरा है। इस आयोजन में करीब 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त फायदा हुआ।

आर्थिक प्रभाव और रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं ने बैंकों से भारी मात्रा में पैसा निकाला, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को एक बड़ा बूस्ट मिला। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बैंकों से निकाले गए 1 लाख करोड़ रुपये अभी तक वापस नहीं आए हैं, जो यह दर्शाता है कि महाकुंभ ने देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महाकुंभ के आयोजन के कारण उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ। इस दौरान होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल और खुदरा व्यापारियों को बड़े फायदे हुए। महाकुंभ का असर न केवल आयोजन के दौरान बल्कि इसके बाद भी नजर आया, क्योंकि प्रयागराज और आसपास के इलाकों के व्यापारियों की आय में वृद्धि हुई।

पर्यटन से बढ़ी कमाई
महाकुंभ के बाद, श्रद्धालु बनारस, अयोध्या, चित्रकूट और नैमिषारण्य जैसे धार्मिक स्थलों पर भी गए, जिससे छोटे व्यापारियों को भी फायदा हुआ। यह साबित करता है कि बड़े धार्मिक आयोजन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी विकास को बढ़ावा देते हैं।

बड़े आयोजनों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होते हैं। इसी तरह हाल ही में गुजरात में आयोजित कोल्डप्ले कॉन्सर्ट ने भी देश की इकोनॉमी को लाभ पहुंचाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावनाओं वाला आयोजन बताया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और युवा आबादी इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बना सकती है।

बैंकों में नकदी की कमी, लोन देने में समस्या
महाकुंभ के दौरान बैंकों से भारी मात्रा में पैसा निकालने के कारण बैंकों में नकदी की कमी हो गई थी। एसबीआई की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि बैंकों के पास लोन देने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं था। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों में नकदी बनाए रखने के लिए कई उपायों की घोषणा की है, जिससे बैंकों को करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी प्राप्त होगी और लोन देने में आसानी होगी।

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