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गंगा-यमुना का प्रकोप! प्रयागराज के रिहायशी इलाकों में पानी भरा, लोगों का रो-रोकर बुरा हाल… देखें चौंका देने वाली तस्वीरें

Prayagraj flood 2025: गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।

Prayagraj Flood Alert : संगम नगरी प्रयागराज इन दिनों गंगा और यमुना की बाढ़ से बुरी तरह जूझ रही है। जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और खतरे का निशान पार कर कई रिहायशी क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले चुका है।

इतना ही नहीं खतरे का निशान 84.734 मीटर पार करने के बाद गंगा और यमुना का जलस्तर 86 मीटर के पास पहुंच गया है। उफान अभी जारी है। स्थिति काफी भयावह होती जा रही है।


राजापुर, छोटा बघाड़ा, गंगानगर जैसे क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं। लोग पैदल, नावों या किसी भी संभव साधन से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।


स्थानीय लोगों को 1978 की भयावह बाढ़ याद आ रही है, जब जलस्तर 88 मीटर तक पहुंच गया था।

2013 में भी शहर को 86 मीटर के जलस्तर ने बुरी तरह प्रभावित किया था।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तीन दिनों से लगातार राहत कार्य में लगी हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है। प्रशासन ने राहत शिविरों और कंट्रोल रूम की व्यवस्था कर दी है।


सभी विभाग अलर्ट पर हैं। सिंचाई विभाग का कहना है कि जलस्तर में वृद्धि जारी है और हर पल हालात पर नजर रखी जा रही है।


गंगानगर जैसे इलाकों में घरों के अंदर तक पानी भर गया है। लोग जरूरी सामान लेकर रिश्तेदारों के पास या राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी फाफामऊ में 88.390 मीटर तो यमुना नदी के नैनी में 87.990 मीटर तक पहुंचने का रिकार्ड दर्ज है।

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