प्रधानमंत्री ने 17,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की योजनाओं का किया लोकार्पण , कहा- पिछली सरकारों ने उत्तराखंड को लूटा…

गुरूवार को प्रधानमंत्री मोदी हल्द्वानी पहुंचे। जहा उन्होने 17,000 करोड़ रुपये से भी अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ये सभी प्रोजेक्ट्स कुमाऊं के सभी साथियों को बेहतर कनेक्टिविटी और बेहतर सुविधाएं देने वाले हैं। आज कुमाऊं आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताज़ा हो गईं हैं। ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई गई है, वो उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, हल्द्वानी शहर के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए हम लगभग 2,000 करोड़ रुपये की योजना लेकर आ रहे हैं। अब हल्द्वानी में पानी, सीवरेज, सड़क, पार्किंग, स्ट्रीट लाइट सभी जगह पर अभूतपूर्व सुधार होगा। इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए तेज गति से ऐसे ही विकास कार्यों पर अनेक काम करने की जरूरत पर हमने जोर दिया है। उत्तराखंड में बढ़ रहे नए हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, उत्तराखंड में बढ़ रही औद्योगिक क्षमता, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगी।

पीएम मोदी बोले, उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इन वर्षों में आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले देखे हैं जो कहते थे- चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वो ऐसा सोच भी नहीं सकते। पहले की असुविधा और अभाव को अब सुविधा और सद्भाव में बदला जा रहा है। उन्होंने आपको मूल सुविधाओं का अभाव दिया, हम हर वर्ग हर क्षेत्र तक शत प्रतिशत बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाने के लिए दिनरात एक कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मेरा 7 साल का रिकॉर्ड देख लीजिए। खोज खोज कर ऐसी पुरानी चीजों को ठीक करने में ही मेरा समय जा रहा है। अब मैं काम को ठीक कर रहा हूं, आप उनकों ठीक कीजिये। केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।

पीएम ने कहा, आज दिल्ली और देहरादून में सत्ता भाव से नहीं, सेवा भाव से चलने वाली सरकारे हैं। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद इस क्षेत्र की अनदेखी की। ये राष्ट्र रक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूल नहीं सकती है।

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