प्रधानमंत्री मोदी की त्रि-राष्ट्र यात्रा ने रचा नया कूटनीतिक इतिहास, भारत को बताया वैश्विक नेतृत्वकर्ता

PM मोदी की Act East नीति, Neighbourhood First रणनीति, Indo-Pacific Oceans Initiative और G-20 में नेतृत्व ने भारत को विकसित देशों और Global South के बीच एक पुल के रूप में स्थापित किया है।

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस, कनाडा (G-7 सम्मेलन) और क्रोएशिया की त्रि-राष्ट्र यात्रा को भारत की कूटनीति का एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है। यह दौरा न केवल Operation Sindoor के बाद भारत की वैश्विक छवि को पुनः स्थापित करता है, बल्कि इसे रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अभूतपूर्व माना जा रहा है।

साइप्रस में मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत-IMEC साझेदारी को नया बल

प्रधानमंत्री मोदी दो दशक बाद साइप्रस पहुंचे। उन्हें राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स द्वारा Grand Cross of the Order of Makarios III से सम्मानित किया गया। यह यात्रा भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के लिए रणनीतिक थी। तुर्की के पाकिस्तान समर्थन के बीच साइप्रस के साथ यह जुड़ाव भारत के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण का भी प्रतीक है।

कनाडा में G-7 सम्मेलन और भारत-Global South की मजबूत आवाज़

कनाडा के अल्बर्टा में हुए G-7 शिखर सम्मेलन में मोदी ने जलवायु वित्त, तकनीकी समावेश और ऊर्जा सुरक्षा पर Global South की प्राथमिकताएं रखीं। कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से हुई मुलाकात में उच्चायुक्तों की बहाली की सहमति बनी, जो दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत मानी जा रही है। ब्रैम्पटन और कैलगरी में प्रवासी भारतीयों ने मोदी का भव्य स्वागत किया।

क्रोएशिया में पहली बार पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री, यूरोपीय संबंधों को नई दिशा

क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री एंड्रेज प्लेनकोविच से मुलाकात में व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग पर चर्चा हुई। यह दौरा भारत की बाल्कन और यूरोपीय रणनीति को मजबूती देने वाला माना जा रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन और भारत की निर्णायक छवि

तीनों देशों में प्रधानमंत्री मोदी ने Operation Sindoor के बाद भारत की कड़ी कार्रवाई और आतंकवाद विरोधी रुख को स्पष्ट किया। इस दौरे ने भारत को “balancing power” से “shaping power” में तब्दील करते हुए वैश्विक निर्णयों में अहम भागीदारी की नई छवि दी।

एक बहु-संरेखण (Multi-alignment) वाली विदेश नीति का वैश्विक उदाहरण

PM मोदी की Act East नीति, Neighbourhood First रणनीति, Indo-Pacific Oceans Initiative और G-20 में नेतृत्व ने भारत को विकसित देशों और Global South के बीच एक पुल के रूप में स्थापित किया है। अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और EU से भारत के रिश्ते रणनीतिक संतुलन की मिसाल हैं।

भारत अब वैश्विक विकास इंजन: $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निकट

Make in India, Digital India और विदेशी निवेश की लहर ने भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। व्यापार समझौतों, वैश्विक मंचों और प्रवासी जुड़ाव ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई वैश्विक गति दी है।

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