
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली शहज़ादी को 15 फरवरी 2025 को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फांसी दी गई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी। शहज़ादी को दुबई की अदालत ने एक चार महीने के बच्चे की मौत के मामले में सात महीने पहले फांसी की सजा सुनाई थी। वह अबू धाबी की अल वाथबा जेल में बंद थी, और वहीं पर उसे फांसी दी गई।
किस मामले में फांसी की सजा दी गई?
29 साल की शहज़ादी को 19 दिसंबर 2021 को अबू धाबी भेजा गया था, जहां उसे भारतीय परिवार के चार महीने के बच्चे की हत्या का आरोप झेलना पड़ा। मामले की जांच के बाद, दुबई की अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई और वह 10 फरवरी 2023 से अबू धाबी के अल वाथबा जेल में बंद थी। सूत्रों के अनुसार, शहज़ादी को एक बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था, जिसके बाद इस मामले को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में सूचनाएं
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा ने इस मामले की जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि शहज़ादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च 2025 को किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में हर संभव सहायता प्रदान करने की बात भी कही है। इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट में यह भी सूचित किया गया कि शहज़ादी के पिता ने इस मामले में विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने निपटारा किया।
यूएई सरकार से मिली आधिकारिक सूचना
यूएई सरकार से 28 फरवरी 2025 को शहज़ादी के बारे में आधिकारिक सूचना प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया कि शहज़ादी को यूएई के कानूनों और नियमों के अनुसार 15 फरवरी 2025 को फांसी दी गई। इस सूचना को विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी सूचित किया।
यह मामला एक बार फिर से उन कानूनी और कूटनीतिक चुनौतियों को उजागर करता है, जिनका सामना भारतीय नागरिकों को विदेशी धरती पर करना पड़ता है, खासकर जब वे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे होते हैं।