आजादी के अमृत महोत्सव में डासना जेल के बंदी लिख रहे इबारत, जेल के बने तिरंगे बढ़ाएंगे देश का गौरव

गाज़ियाबाद : देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उसी अमृत महोत्सव में गाज़ियाबाद की डासना जेल के कैदी भी आजादी के महोत्सव में अपना योगदान देकर नई इबारत लिख खुद को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों से सड़क से लेकर जेल जाने तक संघर्ष किया। उसी आजादी के 75 साल पूरे होने पर आखिर जेल की भूमिका को कैसे नकारा जा सकता है। ग़ाज़ियाबाद की डासना जेल में हर घर झंडा अभियान को सफल बनाने के लिए नई इबारत लिखी जा रही है। जेल अधीक्षक की सोच का नतीजा है कि बंदी देश के अमृत महोत्सव के जश्न के लिए तिरंगा बना रहे है। अभी तक 6 हजार से अधिक राष्ट्रीय ध्वज तैयार किये जा चुके है जबकि 9 हजार का लक्ष्य अगले 12 दिनों में पूरा करना हैं। इन दिनों डासना जेल का सिलाई सेंटर सिलाई मशीनों की शोर से गूंज रहा है। बिना थके रोजाना 800 से ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज तैयार किये जा रहे है।

हर घर तिरंगा महोत्सव के चलते अचानक बढ़ी मांग, मेरठ की कंपनी ने दी ट्रेनिंग।

आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर तिरंगों की मांग बढ़ी है। जिले में 9 लाख से अधिक राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया हैं। इसी के बाद डासना जेल के अधीक्षक आलोक सिंह को विचार आया कि जेल में पहले से ही टेलरिंग यूनिट मौजूद है। उसका इस्तेमाल कर जेल के आजादी के इस महोत्स में योगदान दिया का सकता है। विचार को पंख देने के लिए मेरठ के कंपनी से संपर्क साधा गया। जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि कंपनी ने बंदियों को ध्वज सिलने और तैयार करने की बेसिक ट्रेनिंग भी दी। जिसके बाद तिरंगे की तैयारी जमीनी स्तर पर दिखने लगी। डासना जेल में 20×30 इंच के झंडे तैयार किये जा रहे है। जो सबसे अधिक मांग में हैं। ये झंडे हापुड़ जिले को भी भेजे जाएंगे।

राष्ट्रीय ध्वज बनाना हमारे लिए गौरव का पल : बंदी

जेल की टेलरिंग यूनिट में शामिल दो दर्जन से अधिक बंदी राष्ट्रीय ध्वज को पूरी शिद्दत और जिम्मेदारी से बना रहे है। अपराध के मामले में जेल में निरुद्ध होने के बाद समाज ऑफ देश के लिए कुछ ऐसा करने का मौका मिला है, जिससे वो अपना खोया हुआ मान और सम्मान वापस पा सकते है। तिरंगे की थान से कटाई से लेकर चक्र की छपाई और फिर उनकी सिलाई में शामिल बंदियों का कहना है कि वो इससे देश की सेवा कर रहे है। जब ये ध्वज फहराए जाएंगे तो उनका सिर भी मान से ऊंचा होगा।

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