रायबरेली : बिना मानक चल रहे दर्जनों नर्सिंग होम, मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़, जिम्मेदारों को नहीं परवाह

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम स्वास्थ्य विभाग को चुस्त दुरुस्त करने के लिए लगातार अस्पतालों के निरीक्षण कर रहे है। वही लगातार निजी नर्सिंग होमो में हो रही मौतों पर भी शख्ती दिखाते हुए मानक के विपरीत संचालित नर्सिंग होमो पर कार्यवाही के आदेश दे रहे है पर रायबरेली जिले में धड़ल्ले से नर्सिंग होमो के लाइसेंस स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये जा रहे। जबकि नर्सिंग होमो के पास फायर विभाग की एनओसी ही नही रहती है। जुगाड़ व कागजी खेल में माहिर स्वास्थ्य विभाग बकायदा नर्सिंग होमो का पंजीकरण धड़ल्ले से कर रहा है। यही नही जब मानक को लेकर नर्सिंग होम के नोडल व एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार से बात की गई तो उनका विवादित बयान भारत समाचार के कैमरे पर कैद हो गया।

आपको बता दे कि रायबरेली जिले में कुल 89 नर्सिंग होम संचालित है वही बीते 2 सालों में लगभग तीन दर्जन से अधिक नए नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हुए है। अब खेल क्या है स्वास्थ्य विभाग का वो आपको समझाते है। आपको बता दे कि पंजीकरण के लिए फायर की एनओसी लेना जरूरी होता है पर वर्ष 2020 से अब तक मात्र 6 नर्सिंग होम की एनओसी फायर विभाग द्वारा जारी की गई तो बाकी के पंजीकरण कैसे हो गए यह बड़ा सवाल है। यही नही अगर पंजीकरण हुआ है तो फायर विभाग की एनओसी कैसे लग गई जबकि फायर विभाग ने जारी ही नही की।

वही जब नर्सिंग होम के पंजीकरण को लेकर सीएमओ आफिस में तैनात एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार जो कि नर्सिंग होम के नोडल भी है उनसे बात की गई तो उन्होंने कैमरे ओर बोलने से मना कर दिया पर जब भारत समाचार का स्टिंग कैमरा चला तो साहब ने डिप्टी सीएम से लेकर खुद को व पत्रकारों को भी झोलाछाप की संज्ञा दे डाली यही नही साहब इतने गुमान में थे कि कहा कि नर्सिंग होम का कोई मानक नही होता। यही नही उन्होंने यहां तक कहा कि खुले में पेड़ के नीचे भी नर्सिंग होम संचालित हो सकता है। क्या इस खेल के का पर्दा जिम्मेदार उठाएंगे ये बड़ा सवाल है नही तो मानक के विपरीत इसी तरह नर्सिंग होम संचालित होते रहेंगे।

Related Articles

Back to top button