उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में फर्जी लूट कांड के खुलासे का पर्दाफाश हो गया है। जिसमें पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, पुलिस ने मामले में जल्दबाजी करते हुए पुलिस की मदद करने वाले निर्दोष व्यापारी को ही जेल भेज दिया था। फिलहाल पुलिस ने 12 दिनों के बाद बेकसूर पीड़ित को जेल से रिहा कर दिया है।
मदद करने वाले को बनाया गुनहगार
दरअसल, पिछले महीने 20 अगस्त को रायबरेली जिले के गदागंज थाना इलाके में जनसुविधा केंद्र के संचालक से लाखों रुपए की लूट हुई थी। इस दौरान बाइक सवार लुटेरों ने हडबड़ाहट में रुपयों से भरा बैग सड़क के किनारे छोड़कर फरार हो गए थे। जिसके बाद रुपयों से भरा बैग दीपू नाम के एक व्यापारी को मिल गया था। जब पीड़ित ने ग्राम प्रधान के साथ बैग को पुलिस के हवाले किया तो थानाध्यक्ष राकेश चंद्र सरोज ने गुडवर्क के दीपू को ही लुटेरा बना दिया। एसपी के सामने वाहवाही के लिए थानाध्यक्ष ने पीड़ित दीपू को जेल भेज दिया था।
बीती रात जेल से हुई रिहाई
पीड़ित को गिरफ्तार करने के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ था। जिसके बाद एसपी ने डलमऊ कोतवाल को विवेचना सौंपी थी। इस दौरान जांच की गई तो पीड़ित दीपू निर्दोष करार दिया गया। ऐसे में 12 दिनों के बाद पीड़ित दीपू को पुलिस ने बीती रात शनिवार को जेल से रिहा किया।