संसद में हिंदुओं पर राहुल गांधी की टिप्पणी, सदन के बाद सड़क पर शुरू हुआ विरोध, फूंका गया पुतला

वाराणसी : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा हिन्दुओं पर टिप्पणी करना भारी पड़ रहा है। जहां एक तरफ राहुल गांधी के बयान का पीएम मोदी के साथ एनडीए के सांसदों ने आलोचना कर विरोध किया, तो वही अब संसद के बाद सड़क पर राहुल गांधी के बयान का विरोध शुरू हो गया है। वाराणसी में राहुल गांधी के बयान से अक्रोशित बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का पुतला फूंक अपना विरोध व्यक्त किया। वही दूसरी ओर काशी के संतो ने भी राहुल गांधी के बयान की निंदा करते हुए, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को हिंदू विरोधी बताया है। अखिल भारतीय संत समिति ने राहुल गांधी से माफ़ी मांगने की मांग की है।

राहुल गांधी के बयान को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि राहुल गांधी का विचार हिंदुओं के विरोधी है, 90 के दशक में यूपीए सरकार के दौरान हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ने का प्रयास किया गया था। जम्मू कश्मीर में हिंदुओ पर अत्याचार, बंगाल और केरल में हिंदुओं पर हुई हिंसक घटनाओं पर जो राजनैतिक दल सदैव चुप रहा, उससे यह अपेक्षा नहीं है कि वह कभी हिंदुओं के हितों की बात करेगा। राहुल गांधी से सवाल करते हुए स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने पूछा कि क्या राहुल गांधी अपने पिता और दादी की हत्या कि क्या उनको भी आतंकवादी और अतिवादी कहने का साहस रखते है? स्वाभाविक होगा कि ऐसा नहीं होगा। हिंदू समाज पर इस लिए टिप्पणी की जाती है, कि हिंदू शांत रहता है।

गौरतलब है, कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक बयान में बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते है वह हिंसा करते है। राहुल गांधी के इस बयान पर पीएम नरेंद्र मोदी खुद सदन में खड़े होकर इस बयान पर निंदा व्यक्त किया, तो वही एनडीए के सांसदों ने राहुल गांधी के इस बयान की कड़ी आलोचना की। वही सदन में राहुल गांधी ने इस बयान पर सफाई देते हुए संपूर्ण हिंदुओं के बजाए बीजेपी और आरएसएस पर अपना बयान देने की बात कही।

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