
कानपुर के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता राहुल त्रिपाठी को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। उन्हें दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिया जाएगा। राहुल ने अपनी मेहनत और नवाचार से 3700 करोड़ रुपये की बचत की है, जो उन्होंने आईआईटी के साथ मिलकर पुराने इंजनों से हारमोनिक फिल्टर हटाकर हासिल की। यह प्रयास सवा साल में रेलवे के बिजली खर्च और मेंटीनेंस में काफी कमी लाया है।
राहुल त्रिपाठी ने बताया कि पहले जीटीओ आधारित इंजन ट्रेनों को खींचने में इस्तेमाल होते थे, और उनके रेडिएशन डिस्चार्ज से इंजन के अन्य उपकरणों को नुकसान हो सकता था, जिसके बचाव के लिए हारमोनिक फिल्टर लगाए गए थे। लेकिन, पिछले 15 सालों में रेलवे में आईजीबीटी आधारित आधुनिक इंजन लगाए गए हैं, जिनमें हारमोनिक फिल्टर की आवश्यकता नहीं है। यह फिल्टर इंजन के प्रेशर को प्रभावित करते थे और बिजली का अत्यधिक खर्च करते थे। इन फिल्टरों को हटाने से इंजन की क्षमता पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा, और रेलवे की लागत में भारी कमी आई।
राहुल ने इस नवाचार की शुरुआत दो साल पहले आईआईटी और आरडीएसओ के साथ मिलकर की थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने इसे मंजूरी दी और सभी परीक्षणों के बाद इसे लागू किया। हिन्दुस्तान अखबार ने 5 अक्टूबर, 2024 को इस उपलब्धि को प्रमुखता से छापा था, जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने इसे सराहा।
राहुल त्रिपाठी का यह कदम रेलवे के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है, और यह दर्शाता है कि कैसे तकनीकी नवाचार और समर्पण से बड़े पैमाने पर बचत की जा सकती है। उन्हें शनिवार को दिल्ली रवाना किया गया है, जहां वह इस पुरस्कार को प्राप्त करेंगे।








