Ram Mandir: अयोध्या में भव्य आयोजन, 5 जून को होगी प्राण प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 2025, अयोध्या में 3 से 5 जून तक होने वाला ऐतिहासिक आयोजन है, जिसमें भगवान राम के दरबार और अन्य 14 देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह भव्य समारोह गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आयोजित हो रहा है, जिसमें विशेष वैदिक अनुष्ठान और धार्मिक रीति-रिवाज होंगे।

Ram darbar pran pratishtha 2025: भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या एक बार फिर भक्ति और आध्यात्मिक उत्साह से सराबोर हो गई है। 3 से 5 जून 2025 तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम और 14 अन्य मंदिरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मंदिर में राम दरबार और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। यह आयोजन विशेष रूप से गंगा दशहरा के पावन अवसर पर हो रहा है, जो गंगा नदी के अवतरण का प्रतीक है।

मंगल कलश यात्रा से हुआ आयोजन की शुरुआत

2 जून 2025 को इस भव्य समारोह की शुरुआत अयोध्या में मंगल कलश यात्रा से हुई। यह यात्रा करीब 400 महिलाओं के साथ शुरू हुई, जिन्होंने सरयू नदी के पवित्र जल से भरे कलश उठाकर यात्रा की। यात्रा ने अयोध्या के प्रमुख स्थलों—लता चौक, रामपथ, हनुमानगढ़ी, रंगमहल होते हुए राम मंदिर के यज्ञ मंडप तक पहुंचकर संपन्न की। यात्रा के दौरान मां सरयू की पूजा और यजमानों का प्रायश्चित कर्म भी संपन्न हुआ।

अनुष्ठान की शुरुआत 3 जून से

3 जून 2025 से इस भव्य आयोजन का आधिकारिक अनुष्ठान शुरू होगा। सुबह 6:30 बजे से 12 घंटे तक चलने वाले इस अनुष्ठान में पंचांग पूजन, यज्ञ मंडप पूजन, अग्नि स्थापना, हवन और मूर्तियों का जलाधिवास जैसे कर्म होंगे। इसके बाद 4 जून को अन्नाधिवास, देव स्नान, ग्राम प्रदक्षिणा और शैयाधिवास जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान होंगे।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह: 5 जून को

मुख्य समारोह 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के दिन होगा, जब सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार और अन्य मंदिरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस खास मौके पर मंदिर में 14 मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिनमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत, शत्रुघ्न, गणेश, सूर्य, माता जगदंबा, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और देवी अहिल्या की मूर्तियां शामिल होंगी। इन मूर्तियों को जयपुर के सफेद संगमरमर से बनाया गया है और उनकी ऊंचाई लगभग 4.5 फीट है। राम और सीता की मूर्तियां एक ही पत्थर से तराशी गई हैं, जो उनके अटूट रिश्ते और बंधन को दर्शाती हैं।

101 आचार्यों द्वारा संपन्न होगा अनुष्ठान

इस ऐतिहासिक पूजा अनुष्ठान की देखरेख काशी के विद्वान पंडित जयप्रकाश करेंगे, और 101 वैदिक आचार्य इस पूजा की संपूर्णता करेंगे।

दर्शनों के लिए इंतजार

राम मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि 3 से 5 जून के बीच रामलला के दर्शन नियमित रूप से चलते रहेंगे, लेकिन राम दरबार और अन्य मंदिरों की मूर्तियों के दर्शन के लिए भक्तों को सितंबर-अक्टूबर 2025 तक इंतजार करना होगा, जब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होगा। मंदिर के शिखर कलशों पर सोने की परत चढ़ाई गई है और पश्चिमी हिस्से में लिफ्ट का निर्माण कार्य चल रहा है, ताकि बुजुर्ग और दिव्यांग भक्तों को दर्शन में कोई कठिनाई न हो।

मांस विक्रय पर प्रतिबंध

अयोध्या जिला प्रशासन ने रामपथ, धर्मपथ और परिक्रमा मार्गों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि धार्मिक माहौल बनाए रखा जा सके। राम जन्मभूमि मंदिर में 2025 की प्राण प्रतिष्ठा का यह भव्य और ऐतिहासिक आयोजन न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के हिंदू समुदाय के लिए एक विशेष क्षण होगा। इस आयोजन के माध्यम से भक्तों की आस्था और श्रद्धा को और भी मजबूती मिलेगी, और यह घटना राम मंदिर के भविष्य के लिए एक नई शुरुआत साबित होगी।

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