
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्रान प्रतिष्ठा को लेकर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं। इस दिन को लेकर देश भर में सभी वर्गों में बेहद उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा है। पूरा देश बजरंगरंग में रंगा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी भी इस ऐतिहासिक दिन के लिए अपनी पूरी तैयारियां कर चुके हैं। गर्भ गृह पहुँचने से पहले प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के सरयू में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके बाद कलश में सरयू का पवित्र जल लेकर पैदल रामलला के गर्भ गृह पहुंचेंगे।
21 जनवरी को अयोध्या आ सकते हैं पीएम
सूत्रों द्वारा पता चला है कि प्रधानमंत्री के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले ही 21 जनवरी को अयोध्या आ सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के हनुमानगढ़ी के अलावा मां सीता की कुलदेवी देवकाली मंदिर में भी दर्शन-बजन कर सकते हैं। पीएम मोदी जगदगुरु रामभद्राचार्य के अमृत जन्मोत्सव व रामचरित मानस प्रवचन में भी शामिल होंगे।
कानून व्यवस्था चाक-चौबंद
प्रधनमंत्री के इस दौरे को लेकर प्रशासन और एसपीजी भी काफी सतर्क है। क्योंकि राम जन्मभूमि पथ की दूरी भक्ति पथ की दूरी से काफी ज्यादा है। ऐसे में भक्ति पथ को ही पीएम मोदी का रूट बनाया जाना चाहिए। इसके पीछे एक और कारण है दरअसल, भक्ति पथ पर ही छोटी देवकाली मंदिर भी है। मां सीता की कुलदेवी के रूप में इनकी महत्ता को देखते हुए मोदी यहां भी दर्शन-पूजन करने जा सकते हैं।
54 देशों को 100 प्रतिनिधि होंगे शामिल
इस ऐतिहासिक दिन पर दुनियाभर से कई बड़े बड़े मेहमान भारत पधार रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कुल 54 देश के 100 प्रतिनिधि होंगे। इस समारोह में भारत सरकार द्वारा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस समेत कई यूरोपीय अफ्रीकी व बौद्ध देशों के अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही संघ परिवार व अंतरराष्ट्रीय शाखाओं के शीर्ष अधिकारी भी इस भव्य समारोह में शिरकत करेंगे। ऐसे में इन मेहमानों के सुरक्षा को लेकर सभी सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है। जिसके लिए फेस डिक्टेशन, जिओ फेंसिंग ,लैंडमाइन डिक्टेशन समेत अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।








