
Ram Mandir: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लोगों से अपील किया है कि, अकारण विवाद पक्ष-विपक्ष को खत्म कर देना चाहिए। समुदायों में पैदा हुई कड़वाहट को भी खत्म कर देना चाहिए। अयोध्या की पहचान संघर्ष मुक्त स्थान के तौर पर होनी चाहिए।
विदेशी आक्रांताओं नष्ट किए धार्मिक स्थल
उन्होंने कहा कि, भारत के पिछले डेढ़ हजार साल का इतिहास संघर्षों से भरा रहा है। भारत में लूटपाट करने के लिए आक्रमण किया गाय। इस्लाम के नाम पर पश्चिम से हुए आक्रमण समाज का पूर्ण विनाश और अलगाव ही लेकर आए। देश और समाज को हतोत्साहित करने के लिए धार्मिक स्थलों को नष्ट करना जरूरी था। यही कारण था कि विदेशी आक्रांताओं ने मंदिरों को नष्ट किया। ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार किया गया।
भारतीय शासकों ने कभी विदेशी धरती पर आक्रमण नहीं किए
मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर पर हमला भी इसे नष्ट करने के लिए ही किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत पर भले ही कई हमले किए गए हों, लेकिन यहां के शासकों ने कभी विदेशी धरती पर आक्रमण नहीं किया। मंदिरों पर हमले के बाद भी भारतीय समाज की आस्था निष्ठा और मनोबल में कभी कमी नहीं आई। उनका प्रतिरोध का संघर्ष चलता रहा। इसलिए जन्मस्थान अपने आधिपत्य में कर, वहां मंदिर बनाने का निरंतर प्रयास किया गया। मंदिर का मुद्दा हिन्दुओं के मन में रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम बहुसंख्यक समाज के आराध्य देव हैं। श्री राम का जीवन आज भी पूरे समाज द्वारा स्वीकृत आचरण का आदर्श है। अब बिना किसी कारण के पक्ष-विपक्ष विवाद लेकर खड़ा हुआ है। उसे खत्म कर देना चाहिए।









