
शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही मोदी सरकार की तीसरी पारी का आगाज हो चुका है। इस बार के मोदी मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे भी शामिल किए गए हैं। इन नामों में एक नाम ऐसा भी है जो इस समय सियासी गलियारों से लेकर मीडिया जगत में चर्चा का जबरदस्त विषय बना हुआ है। हम बात कर रहे हैं मोदी कैबिनेट में शामिल हुए सबसे कम उम्र के मंत्री राममोहन नायडू के बारे में।
दरअसल, रविवार रात को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम लोकसभा क्षेत्र से टीडीपी सांसद राम मोहन नायडू किंजरापू ने भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लिया है। इसी के साथ वो मोदी की नई कैबिनेट में अब तक के सबसे कम उम्र वाले केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर कौन हैं मोदी के सबसे Young Cabinet Minister राम मोहन नायडू…
गौरतलब है कि 36 साल के राम मोहन नायडू किंजरापू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इस बार के लोकसभा चुनाव में किंगमेकर की भूमिका निभाई है। उनकी पार्टी के इसी प्रदर्शन के चलते इस बार के मोदी सरकार 3.0 में उन्हें सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री के तौर पर कार्यभार दिया गया है। राम मोहन को चंद्रबाबू नायडू का बेहद करीबी माना जाता है।
शुरुआती दौर में कुछ ऐसा रहा राममोहन नायडू का सफर
श्रीकाकुलम के निम्माडा में जन्में राम मोहन नायडू किंजरापू, का जन्म 18 दिसंबर 1987 को हुआ था। उनके पिता का नाम येरन नायडू है जो कि टीडीपी नेता और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में अगर देखा जाए तो उनको राजनीति की ये विरासत अपने पिता से ही मिली है। उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से अपनी शुरुआती पढ़ाई की है। जिसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पर्ड्यू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके साथ ही राममोहन ने डिस्टेंस एजुकेशन से एमबीए भी किया है।
2020 में संसद रत्न अवार्ड से हुए थे सम्मानित
अपने शुरुआती दौर में जब वो सिंगापुर में करियर बनाने के लिए गए थे तभी साल 2012 में उनके पिता की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसी घटना के बाद उन्होंने राजनीति के इस दुनिया में अपना पहला कदम रखते हुए अपने पिता की विरासत को संभाला था। 2014 में मात्र 26 साल की उम्र में ही उन्होंने श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत भी हासिल की। इस जीत के साथ ही वो 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद बने थें। साल 2020 में राम मोहन को संसद रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया है।









