राष्ट्रपित भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का बदला गया नाम, प्रियंका गांधी ने कहा- ये शहंशाह की अवधारणा

अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप कर दिया गया है। इसको लेकर बयान में कहा गया है कि अशोक मंडप नाम भाषा में एकरूपता लाता है और अंग्रेजीकरण के निशान को भी मिटाता है।

राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू ने गुरूवार को एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदल दिया गया है। इस बात की जानकारी राष्ट्रपति भवन द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी कर दी गई है। वहीं, प्रेस रिलीज के मुताबिक दरबार हॉल के नाम को बदलकर गणतंत्र मंडप कर दिया गया है और अशोक हॉल को अशोक मंडप कर दिया गया।

भारतीय राजाओं, अंग्रेजों को दर्शाता है दरबार

सरकार की तरफ से आधिकारीक बयान जारी किया गया जिसमें दरबार का आशय भारतीय राजाओं, अंग्रेजों और सभाओं को दर्शाता है। लेकिन भारत के गणतंत्र होने के बाद इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है। इसके अलावा बयान में ये भी कहा गया है कि देश में गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन से ही समाज में निहित है, इसी वजह से गणतंत्र मंडप नाम एक उपयुक्त नाम है। आपको बता दें दरबार हॉल में पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

अंग्रेजीकरण के निशान को मिटाता है अशोक मंडप

अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप कर दिया गया है। इसको लेकर बयान में कहा गया है कि अशोक मंडप नाम भाषा में एकरूपता लाता है और अंग्रेजीकरण के निशान को भी मिटाता है। इसके अलावा कहा गया कि अशोक शब्द का मतलब सभी दुखों से मुक्ति या दुख से रहित होना है। इसके अलावा अशोक शब्द सम्राट अशोक को भी संदर्भित करता है, जो कि एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है। साथ ही भारत के गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक भी सारनाथ से अशोक का सिंह शीर्ष है।

प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा

नाम बदलने के इस फैसले पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि दरबार की कोई अवधारणा नहीं है लेकिन शहंशाह का है।

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