केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जो ईवी अपनाने की बढ़ती रफ्तार को दर्शाता है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) और पीएम ई-ड्राइव योजनाओं के जरिए, 2024-25 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई-2डब्ल्यू) की बिक्री 5,71,411 इकाई तक पहुंच गई है। इसी समय में, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स (ई-3डब्ल्यू) की बिक्री, जिसमें ई-रिक्शा और ई-कार्ट भी शामिल हैं, 1,164 इकाई रही, और एल5 श्रेणी के इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स की बिक्री 71,501 इकाई तक पहुंची।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में 10,900 करोड़ रुपये के वित्तीय बजट के साथ इस योजना को मंजूरी दी थी, जो 1 अक्टूबर से लागू हुई है और 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी। भारी उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाना, चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विकास करना, और देशभर में एक मजबूत ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है।
इस योजना का लक्ष्य ईवी खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए अग्रिम प्रोत्साहन देना और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह पर्यावरण पर परिवहन के प्रभाव को कम करने और वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत एक कुशल और प्रतिस्पर्धी ईवी विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देने का भी प्रयास है।
मंत्रालय के अनुसार, यह योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई-2डब्ल्यू) को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है, जिनमें केवल उन्नत बैटरियों से लैस वाहन ही शामिल होंगे। इसके साथ ही, इस योजना का उद्देश्य 3.2 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स (ई-3डब्ल्यू) को भी प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत ई-एम्बुलेंस तैनात करने के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, और इलेक्ट्रिक ट्रकों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि CO2 उत्सर्जन को कम किया जा सके।